Tuesday, April 30, 2024
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आरकेएस भदौरिया ने संभाला वायुसेना अध्‍यक्ष का पद, कहा 'बालाकोट जैसे एक और हमले के लिए तैयार हैं हम'

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आज भारतीय वायुसेना अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। वह वायुसेना के 26वें प्रमुख बने हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 30, 2019 12:11 IST
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria - India TV Hindi
Image Source : IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आज भारतीय वायुसेना अध्‍यक्ष का पदभार संभाल लिया। वह वायुसेना के 26वें प्रमुख बने हैं। उन्होंने एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ का स्थान लिया जो भारतीय वायु सेना में 41 साल सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो गए। इस मौके पर भविष्‍य में बालाकोट जैसे किसी हमले की तैयारी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने कहा कि हम तब भी तैयार थे, और हम अगले हमले के लिए भी तैयार हैं। हम किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह से मुस्‍तैद हैं। 

जब नए वायुसेना प्रमुख से बालाकोट में दोबारा आतंकी कैंपों के शुरू होने से जुड़ी रिपोर्ट पर सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि हमें इन रिपोर्ट की जानकारी है, और जब भी एक्‍शन की जरूरत होगी हम जरूर करेंगे। वहीं पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की परमाणु हमले की धमकी पर उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर ये उनकी सोच है, हमारी सोच अलग है। हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं। 

IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria

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राफेल को बताया गेम चेंजर 

नए वायुसेना प्रमुख ने कहा राफेल विमान भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर होगा। बता दें कि वह वायु सेना के उन चुनिंदा पायलटों में से एक हैं जिन्होंने राफेल विमान उड़ाया है। जुलाई में भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के बीच गरुड़ अभ्यास के दौरान भदौरिया ने राफेल विमान उड़ाया था।

आरकेएस भदौरिया का परिचय 

एयर चीफ मार्शल भदौरिया को जून 1980 में भारतीय वायु सेना की लड़ाकू शाखा में शामिल किया गया और वह कई पदों पर रहे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भदौरिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ पुरस्कार भी जीता। करीब चार दशक की सेवा के दौरान भदौरिया ने जगुआर स्क्वाड्रन और एक प्रमुख वायु सेना स्टेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने जीपीएस का इस्तेमाल कर जगुआर विमान से बमबारी करने का तरीका ईजाद किया। यह वर्ष 1999 में ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में जगुआर विमान की बमबारी में भूमिका से खासतौर से जुड़ा है। भदौरिया को 26 तरह के लड़ाकू और परिवहन विमानों को 4,250 घंटों तक उड़ाने का भी अनुभव है।

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