Tuesday, April 30, 2024
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क्या है यूनीफॉर्म सिविल कोड, जानिए पहली बार कब आया था सुर्खियों में?

नई दिल्ली: सरकार ने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता (यूनीफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो भाजपा और संघ परिवार को बहुत प्रिय है।

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: July 02, 2016 16:27 IST
unifrom civil code- India TV Hindi
unifrom civil code

नई दिल्ली: सरकार ने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता (यूनीफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। कानून मंत्रालय के विधिक विषयक विभाग ने आयोग से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। यह कदम इस मायने में अहम है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि वह तीन बार तलाक की संवैधानिक वैधता पर निर्णय करने से पहले आम लोगों और अदालत में व्यापक बहस पसंद करेगा। कई लोगों की शिकायत है कि तीन बार तलाक बोलने की व्यवस्था का मुस्लिम पुरूष अपनी पत्नियों को मनमाने ढंग से तलाक देने के लिए दुरूपयोग करते हैं।

सभी धर्मों के लिए एक कानून की तैयारी!

सरकार ने लॉ कमीशन से समान नागरिक संहिता लागू करने के बारे में पड़ताल करने को कहा है। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस बारे में लॉ कमीशन को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें इस बारे में स्टडी कर एक रिपोर्ट देने को कहा गया है।  साथ कमीशन में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर सुझाव देने को कहा गया है।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

  • यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब देश के हर नागरिक के लिए एक समान कानून।
  • शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
  • फिलहाल हर धर्म के लोग इन मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के तहत करते हैं।
  • ये पहली बार है जब केंद्र सरकार ने कॉमन सिविल कोड पर लॉ कमीशन से इस तरह की पहल की है।
  • अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाए तो सभी धर्मों के लिए एक जैसा कानून होगा।
  • यानी शादी, तलाक, गोद लेना और जायदाद के बंटवारे में सबके लिए एक जैसा कानून होगा, फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों ना हो।

यूनीफॉर्म सिविल कोड पहली बार सुर्खियों में कब आया?

  • देश में यह मामला पहली बार सन 1840 में उठा था।
  • 1985 में शाह बानो केस के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड एक बार फिर सुर्खियों में आया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने बानो के पूर्व पति को गुजारा भत्ता देने का ऑर्डर दिया था।
  • इसी मामले में कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पर्सनल लॉ में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए।
  • राजीव गांधी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए संसद में एक विवादास्पद कानून पेश किया था।

BJP ने की यूनीफॉर्म सिविल कोड की वकालत

सरकार द्वारा विधि आयोग को समान नागरिक संहिता का अध्ययन के लिए कहे जाने के बीच भाजपा ने आज इसकी वकालत की और कहा कि संविधान में जिक्र होने के बाद भी वोट बैंक राजनीति के कारण इसका विरोध किया जाता रहा है।

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, इस पर खुली बहस होनी चाहिए। संविधान इसकी वकालत करता है और जो इसका विरोध करते हैं वे सिर्फ संविधान के प्रति अपनी असहिष्णुता दर्शाते हैं। हमने हमेशा इसकी वकालत की है। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। इसका विरोध वोट बैंक राजनीति के कारण किया जाता रहा है।

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