Friday, May 03, 2024
Advertisement

Khabar Se Aage: बेंगलुरु दंगे की पूरी इनसाइड स्टोरी, दंगे का मास्टरमाइंड मुजम्मिल पाशा?

कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई हिंसा पर कहा कि सभी राज्यों को मिले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जिसने भी पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है उसी व्यक्ति से उसकी वसूली की जाए। उन्होनें कहा कि ये कार्रवाई हम तुरंत करने जा रहे हैं। हम दंगाइयों की पहचान कर रहे हैं। नुकसान कितना हुआ ये हम देख रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 12, 2020 21:27 IST
Khabar Se Aage: Watch inside story of Bangalore violence- India TV Hindi
Khabar Se Aage: Watch inside story of Bangalore violence

नई दिल्ली: बेंगलुरु दंगे के दौरान पुलिस की बातचीत का ऑडियो सामने आया है। पुलिस के वाकी टॉकी मैसेज से पता चलता है कि दंगा ब्रिगेड किस तरह पुलिसकर्मियों की जान लेने पर उतारू हो गयी थी। इसमें अधिकारी कहते हुए सुनाई देते हैं कि इंस्पेक्टर ने गोली चलाने की इजाजत मांगी। बेंगलुरु दंगे में आग की ऐसी लपटे उठीं जिसमें लाखों-करोड़ों की संपत्ति जल कर खाक हो गई। 

वाकी टॉकी मैसेज पर की गई बातचीत

  • अधिकारी:- चार्ली ( इंस्पेक्टर) DJ हल्ली
  • इंस्पेक्टर:- रिपोर्टिंग सर
  • अधिकारी:- KG हल्ली के पास कोई KSRP की टीम है
  • Inspector K G हल्ली:- नहीं सर यहाँ कोई टीम नहीं है हम बुरी तरह फंसे हुए हैं, बचना है तो फायर करना ही पड़ेगा, प्लीज़ कॉम्पोल ( कमिश्नर) से परमिशन दिलवाइये
  • इंस्पेक्टर D J हल्ली:- हमें खुद की हिफाजत खुद ही करनी होगी, कोई बचाने नहीं आ पायेगा
  • पुलिस अधिकारी :- अपनी आत्मरक्षा के लिए आपको जो सही लगे कीजिये, फायर करना हो तो कीजिये
  • इंस्पेक्टर KG हल्ली :- थैंक यू सर
  • इसके बाद फायर किया गया

विवादित फेसबुक पोस्ट के बाद भड़की हिंसा

दरअसल ये पूरा बवाल कांग्रेस MLA अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भांजे नवीन के एक कमेंट से शुरू हुआ। अपने कमेंट में नवीन ने पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। और फिर लोगों ने नवीन के कमेंट के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह नवीन का कमेंट बैंगलुरू के मुस्लिम समाज में फैल गया और आधी रात होते होते शहर में बवाल शुरु हो गया।

विवादित पोस्ट से भड़के लोगों ने आगजनी की

पोस्ट वायरल होते ही लोगों का गुस्सा भड़क उठा और बेकाबू भीड़ ने विधायक के घर पर हमला कर दिया। तनाव को देखकर विधायक और पुलिस ने भीड़ से आरोपी पर सख्त एक्शन का वादा किया। फिर भी उनका गुस्सा ठंडा नहीं हुआ और आक्रोश की आग विधायक के घर से पुलिस थाने तक पहुंच गई। आत्मरक्षा में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। बेंगलुरु के 5 थानों में कर्फ्यू लगाया गया है। शहर के बाकी हिस्सों में धारा 144 लागू है। फिलहाल, हालात तनावपूर्ण लेकिन काबू में हैं। 

विधायक के घर और गाड़ियों में आग लगाई

चंद घंटों में सैकड़ों की तादाद में भीड़ जमा हो गई। जबरदस्त तोड़फोड़ शुरु हो गई। लोग इस कदर भड़के कि कांग्रेस विधायक के घर पर हमला कर दिया। ग्राउंड फ्लोर में आग लगा दी। विधायक के घर के ग्राउंड फ्लोर को पूरी तरह से जला डाला। सिर्फ MLA का घर ही नहीं पुलिस थाना को भी दंगाइयों ने टारगेट किया। डीजे हल्ली थाने में तोड़फोड़ की, आग लगा दी गई। थाने में पुलिस की जितनी गाड़ियां मौजूद थीं सबको आग के हवाले कर दिया गया। 

5 थानों में कर्फ्यू, बाकी इलाके में धारा 144

हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले छोड़े, फायरिंग की। पुलिस की फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई है, 60 पुलिसकर्मी घायल हैं। डीजे हल्ली और केजी हल्ली थाना क्षेत्रों में गुरुवार की सुबह तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। पूरे बेंगलुरु में धारा 144 लागू है। अब तक 150 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। 

सवाल है क्या बेंगलुरू हिंसा सोची-समझी साजिश है?

सवाल है क्या बेंगलुरू हिंसा सोची-समझी साजिश है?  आखिर एक कमेंट के रिएक्शन में महज 2 घंटे में इतनी बड़ी भींड़ कहां से जमा हो गई। क्या लोगों को जानबूझ कर बवाल के लिए उकसाया गया था। क्या सोची समझी साजिश के तहत आगजनी की गई। क्या बेंगलुरू में हुई हिंसा सियासी साजिश है...सवाल ये भी उठता है कि क्या लोगों को अब कानून पर भरोसा नहीं रह गया है। वरना आधी रात को दंगाइयों की भीड़ बेंगलुरु को जलाने के लिए नहीं जुटती।

क्या बेंगलुरू में हुई हिंसा राजनीतिक षडयंत्र है?

बेंगलुरू हिंसा में जो बड़ी बात सामने आई है वो ये है कि पुलिस ने एसडीपीआई के प्रवक्ता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया है। मुजम्मिल पाशा का दावा है कि वो हिंसक भीड़ के साथ नहीं थे बल्कि लोगों को शांत करने की कोशिश कर रहे थे। सवाल है अगर मुजम्मिल पाशा की नीयत नेक थी तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार क्यों किया।

एसडीपीआई सूबे में अपना वोटबैंक बनाना चाहती है

बेंगलुरू हिंसा में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए SDPI नेता मुजम्मिल पाशा को हिरासत में लिया है। पाशा पर डीजे हल्ली थाने में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा है। मुजम्मिल पाशा कर्नाटक में SDPI के प्रवक्ता है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के बने 11 साल हुए हैं। SDPI कर्नाटक में सक्रीय है। अपने सियासी वजूद की तलाश में हैं। सूबे में अपना वोटबैंक बनाना चाहती है। बेंगलुरु हिंसा को कर्नाटक के मंत्री सीटी रवि सोची समझी सियासी साजिश करार दे रहे हैं।

जिसने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया उसी से होगी वसूली

कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई हिंसा पर कहा कि सभी राज्यों को मिले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जिसने भी पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है उसी व्यक्ति से उसकी वसूली की जाए। उन्होनें कहा कि ये कार्रवाई हम तुरंत करने जा रहे हैं। हम दंगाइयों की पहचान कर रहे हैं। नुकसान कितना हुआ ये हम देख रहे हैं। 

उन्होनें कहा कि हम देखे रहे हैं की नुकसान की भरपाई हो। इस मामले में किस प्रकार की जांच होनी है ये माननीय मुख्यमंत्री तय करेंगे। मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी। बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं उन लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया है। इसके पीछे की साज़िश इंवेस्टिगेशन से सामने आएगी। 

जिस तरीके से बेंगलुरू में विवादित पोस्ट सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ उससे सवाल ये भी उठ रहे हैं कि बेशक तकनीक ने उन्नति की है। उसी गति से लोगों की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। लेकिन उसी इंटरनेट की मदद से सोशल नेटवर्किंग के जरिए अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे अपराधों के लिए देश मे कई कानून हैं। आईटी एक्ट है। कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की बात कही है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement