कैसे करता है काम-
यह आटोमेटेड एप यूजर्स की कैटेगरी को समझते हुए काम करता है। इस एप में नैचरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जिसके इस्तेमाल ये यूजर्स की आदतों को अच्छी तरह परख लेता है। मसलन अगर आपने वोडाफोन प्रीपेड रिचार्ज के लिए पहले कोई रिक्वेस्ट की है तो आपकी इस पिछली रिक्वेस्ट को समझ निकी एप समझ लेता है कि आप वोडाफोन यूजर्स हैं। इसी तरह यह एप अपने यूजर्स की डिमांड को भांप कर काम करता है।
किन यूजर्स को ध्यान में रखकर बनाया गया यह एप-
यह एप विशेष तौर पर उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो उन छोटे कस्बों और जिलों से आते हैं जहां पर लोग कोई भी मोबाइल एप रखने से कतराते हैं। पिछले कुछ महीनों से यह एप टेस्टिंग मोड पर चल रहा था।
निकी ने किस-किस के साथ किया करार-
निकी ने ऊबर और ओला के साथ कमीशन आधारित एक करार किया है ताकि वो अपने यूजर्स को कैब सर्विस मुहैया करवा सके। वहीं फोन रिचार्ज जैसी सुविधा के लिए निकी ने पे-टीएम के साथ करार किया है। इस एप के फिलहाल 1700 यूजर्स हैं।