नोएडा (उत्तर प्रदेश): नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को तेज करते हुए भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह के नेतृत्व में किसानों ने नोएडा के सेक्टर- 95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के सदस्य अर्धनग्न अवस्था में नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "आज हम सभी कालिंदी कुंज बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। हम रुकने वाले नहीं हैं, दिल्ली जाकर सरकार से अपनी बात मनवा के रहेंगे।" हालांकि, नोएडा पुलिस मौके पर तैनात है।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। रविवार को किसान नेताओं ने 8 दिसंबर को प्रस्तावित भारत बंद और आगे की रणनीति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। साथ ही सबकी निगाहें अब 9 दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली किसानों की बातचीत पर भी टिकी हैं। भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जगमोहन सिंह ने कहा कि किसानों में मंथन यही हुआ कि हम अपनी मांग से कोई समझौता नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मन की बात हम सुन रहे हैं, अब उनको हमारे मन की बात सुनें। किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का न होकर पूरे देश में बढ़ चुका है, भारत बंद के आह्वान को लेकर सरकार तिलमिलाई हुई है। किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
सिंघु बॉर्डर पर जगमोहन सिंह ने कहा कि 'उन्होंने बातचीत के लिए समय मांगा है पर पता नहीं किससे बात करेंगे ऑफिसर्स से कॉर्पोरेट घरानों से या नागपुर RSS से। इतने सालों से मोदी की मन की बात सुन रहे हैं अब ये किसानों के मन की बात सुनें।” उन्होंने आगे कहा कि गुजरात से 250 नौजवान किसानों का जत्था मोटरसाइकिलों पर दिल्ली आ रहा है। आंदोलन को तेज करना हमारी मजबूरी है, क्योंकि केंद्र सरकार हमारे मुद्दों पर संजीदगी से काम नहीं ले रही है।
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज रविवार (6 दिसंबर) को 11वां दिन है। शनिवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई 5वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। करीब 5 घंटे चली बैठक में सरकार और किसान अपने-अपने पक्ष पर अड़े रहे। अंत में किसानों ने मौन धारण करते हुए सरकार से नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए हां या ना में बताने के लिए कहा।