तीन और चार जून की रात को सेना व आतंकियों के बीच जबरदस्त गोलीबारी जारी रही और नौबत बमबारी तक पहुंच गई।
ले. जनरल के. सुंदरजी और रंजीत सिंह दयाल की अगुवाई वाले इस ऑपरेशन के तहत 5 जून को मेजर जनरल केएस बराड़ के नेतृत्व में शुरू हुई सैन्य कार्रवाई के दौरान जहां भिंडरावाला, अमरीक सिंह, सुबेग सिंह आदि चरमपंथी मारे गए, वहीं लोंगोवाल और तोहड़ा को बंदी बनाकर हवाई जहाज से अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। अन्य अकाली नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया।
श्री हरमंदिर साहिब परिसर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब सहित इसके आसपास की कई इमारतों को भारी क्षति पहुंची। और इस तरह सात जून को परिसर पर सेना का पूरा नियंत्रण हो गया था।
जानकारी के अनुसार इस दौरान कई सिविलियंस की भी जान गई, जो 3 जून को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर दरबार साहिब में माथा टेकने आए थे, लेकिन सैन्य कार्रवाई से पहले बाहर नहीं निकल पाए।