Sunday, December 15, 2024
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'बड़ी संख्या में लोगों का कोर्ट के पास आना हमारी अहमियत का प्रमाण', SC के डायमंड जुबली ईयर के उद्घाटन समारोह में बोले CJI

सुप्रीम कोर्ट अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन किया और डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0, अदालत की नई वेबसाइट सहित कई नागरिक केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत की।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Jan 28, 2024 22:11 IST, Updated : Jan 28, 2024 22:13 IST
Supreme Court, CJI, DY Chandrachud, Diamond Jubilee Year of Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

नई दिल्ली: 28 जनवरी 2024 का दिन भारतीय संविधान के लिए बेहद ही महतवपूर्ण है। आज से 75 वर्ष पहले देश के सर्वोच्च न्यायालय की उद्घाटन बैठक की गई थी। इस दिन, मुख्य न्यायाधीश एच.जे. कानिया के नेतृत्व में संघीय अदालत के छह न्यायाधीश भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली बैठक के लिए एकत्र हुए थे। वहीं रविवार को एक बार फिर से देश के सर्वोच्च न्यायालय के जज एकत्रित हुए।

इस कार्यक्रम में देश के मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "न्यायपालिका को प्रभावित करने वाले संरचनात्मक मुद्दों जैसे लंबित मामलों, पुरानी प्रक्रियाओं और स्थगन की संस्कृति पर ध्यान देना चाहिए।" सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के डायमंड जुबली ईयर के उद्घाटन पर कहा, ''कानूनी पेशे को स्थगन संस्कृति से व्यावसायिकता की संस्कृति में उभरना चाहिए।''

'हमें चुनौतियों को पहचानने और कठिन बातचीत शुरू करने की जरूरत'

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने की हमारी क्षमता के लिए हमें चुनौतियों को पहचानने और कठिन बातचीत शुरू करने की जरूरत है। मौखिक दलीलों का विस्तार न्यायिक परिणामों में लगातार देरी नहीं करता है।" सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की स्थापना आदर्शवाद की इस भावना के साथ की गई थी कि वह कानूनों की व्याख्या कानून के शासन के अनुसार करेगी, न कि औपनिवेशिक मूल्यों या सामाजिक पदानुक्रमों (हायरार्की) के अनुसार।

लोगों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर कायम-CJI 

CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समाधान और न्याय की संस्था करार देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों का न्यायपालिका में आना अन्याय, अत्याचार और मनमानी के खिलाफ इसकी मजबूत भूमिका को दर्शाता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों के जरिए लोकस स्टैंडी के मानकों को कमजोर करके और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नए अधिकारों के एक सेट को मान्यता देकर नागरिकों के अधिकारों को बढ़ाया है।

देश में महिलाओं को अब महत्वपूर्ण पदों पर देखा जा सकता - CJI 

सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि देश में महिलाओं को अब महत्वपूर्ण पदों पर देखा जा सकता है। भारत 'सामाजिक और जनसांख्यिकीय परिवर्तन' के दौर से गुजर रहा है। कानूनी पेशे में परंपरागत रूप से कम प्रतिनिधित्व वाली महिलाएं अब जिला न्यायपालिका की कामकाजी ताकत का 36.3 प्रतिशत हैं। सीजेआई ने कहा कि मई 2023 में लॉन्च किए गए अपग्रेड ई-फाइलिंग प्लेटफॉर्म ने 24 गुणा 7 मामलों की फाइलिंग को सरल, तेज और सुविधाजनक बना दिया है। फिजिकल फाइलिंग की तुलना में ई-फाइलिंग की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि के साथ अब तक लगभग 1 लाख 28 हजार ई-फाइलिंग की जा चुकी है।

 

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