Thursday, June 13, 2024
Advertisement

20 साल पुराने मानहानि केस में मेधा पाटकर दोषी करार, दिल्ली के LG वीके सक्सेना से जुड़ा है मामला

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया है। उनके खिलाफ तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष वीके सक्सेना (अब दिल्ली एलजी) की ओर से याचिका दायर की गई थी।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 24, 2024 19:06 IST
vk saxena medha patkar- India TV Hindi
Image Source : PTI वीके सक्सेना और मेधा पाटकर

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA) की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया। संबंधित कानून के तहत, सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर को 2 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती हैं।

कोर्ट ने क्या कहा?

साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को दोषी ठहराते हुए कहा, "शिकायतकर्ता को कायर, देशभक्त नहीं और हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाने वाले आरोपी के बयान न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए भी तैयार किए गए थे।”

क्या था मामला?

पाटकर और सक्सेना के बीच वर्ष 2000 से ही एक कानूनी लड़ाई जारी है, जब पाटकर ने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सक्सेना के खिलाफ एक वाद दायर किया था। सक्सेना उस समय अहमदाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन (NGO) नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे। सक्सेना ने भी एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और प्रेस को मानहानिकारक बयान जारी करने के लिए पाटकर के खिलाफ दो मामले दायर किए थे।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement