Monday, April 29, 2024
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'आज के समय में गुरुकुलों को एडवांस करने की आवश्यकता', गुरुकुलम और आचार्यकुलम के शिलान्यास में बोले रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में जो विशाल गुरु परंपरा रही है, उनका भी संस्कृत के संवर्धन में बहुत बड़ा योगदान रहा है, लेकिन साथ ही साथ संस्कृत से एक चिंता जनक बात यह भी जुड़ी रहती है कि इसको पढ़ने, लिखने व बोलने वाले लोग लगातार कम होते जा रहे हैं।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: January 06, 2024 20:24 IST
राजनाथ सिंह - India TV Hindi
Image Source : TWITTER राजनाथ सिंह

हरिद्वार: योग और आयुर्वेद में डंका बजने वाले बाबा रामदेव अब शिक्षा क्षेत्र में भी अपनी पैठ बढ़ाने जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस पर गुरुकुलम और आचार्यकुलम की भी नींव रखी। इस शिलान्यास कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कई बड़े नेताओं ने शिरकत की। नेताओं के साथ-साथकार्यक्रम में हरिद्वार के तमाम साधु-संतों ने भी शिरकत की। बाबा रामदेव ने इसे शिक्षा क्रांति बताया।

'अनादि काल से चली आ रही गुरुकुल परम्परा'

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुरुकुल की परंपरा आज से नहीं बल्कि अनादि काल से चली आ रही है। इसमें गुरुओं का बड़ा महत्व होता है। ये गुरु ही हैं, जिन्होंने भारत की सभ्यता और सनातन धर्म को बचाकर रखा है। पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम का आज शिलान्यास किया गया है। मुझे उम्मीद है आने वाले समय में इसी गुरुकुल से देश की सेवा करने के लिए कई छात्र-छात्राएं निकलेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के समय में गुरुकुलों को एडवांस करने की आवश्यकता है। जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ नए भारत में नया गुरुकुल बनाया जाना चाहिए। जिसमें छात्र वेदों के साथ क्वांटम शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई भी कर सकें।

गुरुकुलम और आचार्यकुलम का शिलान्यास कार्यक्रम

Image Source : TWITTER
गुरुकुलम और आचार्यकुलम का शिलान्यास कार्यक्रम

पतंजलि का गुरुकुलम विश्व का सबसे बड़ा गुरुकुल होगा- स्वामी रामदेव 

कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि का गुरुकुलम विश्व का सबसे बड़ा गुरुकुल होगा। इसके निर्माण में 500 करोड़ की लागत आएगी। पतंजलि योगपीठ ने 5 वर्षों में 5 हजार करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय शिक्षा में बड़ी क्रांति का संकल्प लिया है। ये तीसरी सबसे बड़ी क्रांति होगी। पहली क्रांति योग, आयुर्वेद, अनुसंधान से चिकित्सा क्रांति होगी। दूसरी क्रांति इंटरनेशनल क्वालिटी के उत्पाद बनाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लूट के विरुद्ध स्वदेशी क्रांति होगी। हरिद्वार दुनिया में शिक्षा का बड़ा केंद्र बनेगा। इस सात मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम में लगभग 1,500 विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। आचार्यकुलम की शाखा में लगभग 5,000 बच्चे डे-बोर्डिंग का भी लाभ ले सकेंगे।

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