Tuesday, April 30, 2024
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'पीएम मोदी होमवर्क करके नहीं आते', कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर कांग्रेस का बड़ा हमला

कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट और विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बीजेपी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।

Mangal Yadav Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: April 01, 2024 14:57 IST
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा- India TV Hindi
Image Source : FILE-PTI कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा

नई दिल्लीः कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी होमवर्क करके नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि साल 2015 में मोदी सरकार ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर आरटीआई (RTI) के जवाब कहा था कि न कोई जमीन श्रीलंका को दी, न कोई जमीन ली। पीएम मोदी को क्या तब तक नहीं पता कि 2014 तक इस आइलैंड के पास फिशिंग राइट्स थे। 2014 के बाद फिशिंग राइट्स क्यों चले गए। इसका जवाब पीएम मोदी और बीजेपी को देना चाहिए। पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसी हल्की बातें करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।

केसी वेणुगोपाल ने लगाया ये आरोप

कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट और विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बीजेपी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है। वहीं, राज्य सभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि यह बेतुका आरोप है। 

चिदंबरम ने कही ये बात

चिदंबरम ने दवा किया कि यह समझौता 1974 और 1976 में हुआ था। पीएम मोदी एक हालिया आरटीआई जवाब का जिक्र कर रहे हैं, उन्हें 27 जनवरी 2015 के RTI जवाब का जिक्र करना चाहिए, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश सचिव थे। उस उत्तर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बातचीत के बाद यह द्वीप अंतरराष्ट्रीय सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में है। इंदिरा गांधी ने क्यों स्वीकार किया कि यह श्रीलंका का है? चूंकि श्रीलंका में 6 लाख तमिल पीड़ित थे, इसलिए उन्हें शरणार्थी के रूप में भारत आना पड़ा। इस समझौते के परिणामस्वरूप 6 लाख तमिल भारत आये और वे यहां सभी मानवाधिकारों के साथ स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं।  

विदेश मंत्री ने किया ये दावा

बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर उदासीनता दिखायी और भारतीय मछुआरों के अधिकार छीन लिए। जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु को एक ‘‘छोटा द्वीप’’ और ‘‘छोटी चट्टान’’ बताया था। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है बल्कि यह हमेशा से एक जीवंत मुद्दा है। कच्चातिवु को वापस लेने का मुद्दा प्रमुख द्रविड़ दलों के बीच तीखी बहस का विषय रहा है।

 

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