लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। बिल पेश होते ही विपक्ष ने भारी हंगामा शुरू कर दिया हालांकि इस शोर-शराबे के बीच विधेयक पेश किया गया। संसद का सत्र शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को विधेयक पेश करने के लिए आमंत्रित किया। विपक्ष के शोरगुल के बीच रिजिजू ने साफ किया कि केंद्र सरकार किसी भी धार्मिक संस्था में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है, विपक्ष काफी दिनों से देश को गुमराह कर रहा था।
वक्फ बोर्ड के आज के कामकाज के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए रिजिजू ने दावा किया, "अगर हमने विधेयक पेश नहीं किया होता तो संसद भवन पर भी वक्फ संपत्ति का दावा किया जाता।" उन्होंने बिल को पेश करते हुए यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड में कौन-कौन रहेगा और वक्फ में क्या बदल रहा?
मंत्री ने दिया संपत्ति विवाद का उदाहरण
भाषण के दौरान रिजिजू ने एक संपत्ति विवाद का उदाहरण देते हुए कहा, "दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन सहित कई संपत्तियों से जुड़ा था। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन पर वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था। मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को डीनोटिफाई करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां डीनोटिफाई हो जातीं।"
वक्फ बोर्ड में कौन-कौन रहेगा?
किरेन रिजिजू ने कहा कि बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, इसमें 2 मुस्लिम महिला सदस्य जरूरी हैं, 2 रिटायर्ड जज, 3 सांसद, सचिव स्तर का एक अधिकारी, सिया और सुन्नी, बोहरा और आगाखानी समुदाय के लोग शामिल होंगे, इसमें पिछड़े मुसलमान भी शामिल रहेंगे। इस बोर्ड में 4 से ज्यादा गैर मुस्लिम शामिल नहीं होंगे।
वक्फ में क्या बदल रहा?
इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम सदस्य शामिल किए जा रहे, जो अभी नहीं हैं। साथ ही अब वक्फ के जमीन के सर्वे का आदेश डीएम दे सकेंगे। अगर कोई जमीन विवादित है तो उसे ट्रिब्यूनल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। साथ ही अब वक्फ बोर्डों को Waqf By User के जरिए दान नहीं लिया जा सकेगा।
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