Friday, April 26, 2024
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बुलंदशहर हिंसा: स्‍याना पुलिस ने गोकशी मामले में सैराफुद्दीन और साजिद सहित 4 को हिरासत में लिया, मास्‍टरमाइंड की तलाश जारी

बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी की अफवाह के चलते भड़की हिंसा मामले में पुलिस की छापेमारी जारी है। बुधवार को स्याना पुलिस ने गोकशी मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर 3 लोगों को हिरासत में लिया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 05, 2018 13:04 IST
Bulandshahr Violence- India TV Hindi
Bulandshahr Violence

बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी की अफवाह के चलते भड़की हिंसा मामले में पुलिस की छापेमारी जारी है। बुधवार को स्‍याना पुलिस ने गोकशी मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया है। इनके नाम सैराफुद्दीन और साजिद है। इनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। साजिद और सरफुद्दीन का नाम एफआईआर में है। उनसे पूछताछ में नने और आसिफ का नाम भी सामने आया। शुरुआती पूछताछ में इन दोनों ने खुद को बेगुनाह बताया है। इनके अनुसार घटना के दिन ये दोनों गांव में मौजूद नहीं थे, ये मुस्लिम समुदाय के आयोजन में थे। अभी तक पुलिस गोकशी और हिंसा मामले में दो अलग अलग एफआईआर दर्ज कर चुकी है। गोकशी मामले के साथ ही पुलिस मास्‍टरमाइंड योगेश राज की तलाश में लगातार छापे मार रही है। इससे पहले कल रात मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस मामले से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली और अपराधियों को जल्‍द पकड़ने के आदेश दिए। एडीजी इंटेलीजेंस एसके शिरोडकर आज इस मामले में अपनी रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री को सौंप सकते हैं। 

मास्‍टरमाइंड योगेश अभी भी फरार

लोगों को हिंसा के लिए भड़काने के मामले में पुलिस योगेश राज नाम के शख्‍स को मुख्‍य मास्‍टरमाइंड मान रही है। योगेश राज बजरंग दल संयोजक है। पुलिस के मुताबिक योगेश ही मौके पर प्रोटेस्ट को लीड कर रहा था। इसीलिए उसे प्रमुख आरोपी बनाया गया है। पुलिस के पास ये भी जानकारी है कि भीड़ में घुस कर कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ा है, कौन है ये लोग यही जांच हो रही है। फिलहाल पुलिस ने योगेश के भाई और चाचा देवेंद्र और चमन सहित एक अन्‍य आरोपी आशीष चौहान को गिरफ्तार किया है। वहीं योगेश राज के लिए पुलिस विभिन्‍न स्‍थानों पर दबिश डाल रही है। 

किसी संगठन का सामने नहीं आया नाम

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने एक प्रेसकॉन्‍फ्रेंस में बताया कि अभी तक इस मामले में किसी भी संगठन का नाम नहीं आया है। इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया गया है जो निष्‍पक्ष रूप से जांच करेगी। उन्‍होंने बताया कि मुख्‍य अभियुक्‍त योगेश राज की तलाशी में जगह जगह छापेमारी की जा रही है। वहीं मृतक इंस्‍पेक्‍टर के परिवार की शिकायत भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फायरिंग की शुरुआत गांव वालों की ओर से हुई। उन्‍होंने बताया कि सुबोध कुमार को पहले पत्‍थर लगा, फिर गोली लगी थी। एक अन्‍य मृतक सुमित की मौत के बारे में एडीजी ने बताया कि उसके शरीर से गोली मिली है। उसे जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच के बाद पता चलेगा उसे कौन सी गोली लगी।

सुबोध कुमार को लगी अपनी ही पिस्‍तौल की गोली 

हालांकि सू्त्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में ये चौंकाने वाली बात सामने आई है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को उन्ही के पिस्टल से गोली मारी गई। भीड़ इंस्पेक्टर की सरकारी पिस्टल और तीन मोबाइल फोन छीन कर ले गई थी। आज यूपी पुलिस के एडीजी आनंद कुमार ने इस बात को स्पष्ट किया कि सुबोध कुमार सिंह पर एक बार नहीं दो बार हमला किया गया। पहले इंस्पेक्टर को पत्थर से मारा गया, इंस्पेक्टर घायल होकर खेत के किनारे एक दीवार के पास बैठ गए और उन्हें बचाने के लिए पुलिस टीम वहां पहुंची। लेकिन उसी वक्त भीड़ ने फिर हमला किया इसी दौरान किसी ने घायल इस्पेक्टर को गोली मार दी। दूसरे पुलिस वाले भीड़ में शामिल लोगों की संख्या देखकर वहां से जान बचाकर भाग गए।

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