Thursday, May 16, 2024
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बुंदेलखंड़: गड़बड़ाने लगा भाजपा का 'कोरी-ब्राह्मण' गठजोड़!

बांदा: अभी हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड के सभी सात जिलों की 19 सीटों पर विजय पताका फहराने वाली भाजपा के पांच विधायक कोरी बिरादरी से हैं, लेकिन बांदा जिले के बिसंड़ा

IANS IANS
Updated on: March 22, 2017 17:26 IST
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बांदा: अभी हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड के सभी सात जिलों की 19 सीटों पर विजय पताका फहराने वाली भाजपा के पांच विधायक कोरी बिरादरी से हैं, लेकिन बांदा जिले के बिसंड़ा थाने के एक गांव में इसी बिरादरी की महिला के साथ हुए दुष्कर्म की घटना से 'कोरी-ब्राह्मण' गठजोड़ गड़बड़ाने लगा है।

बुंदेलखंड के सात जिलों- बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर में विधानसभा की 19 सीटें हैं। इनमें बांदा की नरैनी, हमीरपुर की राठ, जालौन की उरई सदर, झांसी की मऊ-रानीपुर और ललितपुर की महरौनी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

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इन आरक्षित सीटों पर भाजपा ने कोरी बिरादरी पर भरोसा जताया और वे जीते भी हैं। नरैनी से राजकरन कबीर, राठ से मनीषा अनुरागी, मऊ-रानीपुर से बिहारीलाल आर्य, उरई सदर से गौरीशंकर वर्मा और महरौनी से राज्यमंत्री मन्नू कोरी उर्फ मनोहरलाल पंथ विधायक चुने गए हैं।

'कोरी-ब्राह्मण' गठजोड़ के चलते सभी शेष 14 सीटों पर भी भाजपा उम्मीदवार जीते हैं, लेकिन 12 मार्च को बिसंड़ा थानांतर्गत तेंदुरा गांव में इसी बिरादरी की एक महिला के साथ ब्राह्मण बिरादरी के युवक द्वारा तमंचे के बल पर किए गए दुष्कर्म के मामले में नामजद अभियुक्त शिवराम मिश्रा को पुलिस ने दो बार गिरफ्तार किया और दोनों बार भाजपा के ही एक ब्राह्मण विधायक के दबाव में थाने से छोड़ दिया गया।

पीड़ित परिवार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा, प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री से लेकर सूबे में अपनी बिरादरी के सभी आठ विधायकों तक यह मामला भेज कर भाजपा के चुनावी एजेंडे 'न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार' पर कई सवाल पूछे हैं।

पीड़ित परिवार ने कहा कि बिसंड़ा पुलिस ने मु.अ.सं.-37/2017, धारा-376, 323, 504, 506 आईपीसी व एससी/एसटी एक्ट में नामजद आरोपी शिवराम मिश्रा को पहले 12 मार्च को गांव में गिरफ्तार कर छोड़ दिया था, फिर उसे 19 मार्च की शाम गांव में दर्जनों लोगों की मौजूदगी में नत्थू राजा की दुकान से मय असलहा गिरफ्तार कर रात भर थाने में रखने के बाद जेल भेजने के बजाय भाजपा के एक ब्राह्मण विधायक के दबाव में फिर उसे दूसरे दिन गांव छोड़ आई है।

अब सवाल यह है कि क्या ऐसे ही भाजपा 'गुंडाराज' का खात्मा करेगी? पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर स्वीकार किया कि भाजपा के बांदा विधायक के दबाव में अभियुक्त को दो बार छोड़ा गया है। इस मामले में भाजपा के नरैनी विधायक राजकरण कबीर ने बुधवार को फोन पर कहा कि वह इस समय दिल्ली में हैं, बांदा वापसी पर भाजपा के संकल्प पत्र के अनुसार वह पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करेंगे।

ललितपुर के महरौनी विधायक और योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री मन्नू कोरी ने फोन पर कहा, "मामला मीडिया के जरिए उनकी संज्ञान में आया है, भाजपा हर वर्ग की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध है। वह मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचा कर दोषी पुलिसजनों और अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई कराने का प्रयास करेंगे।"

दुष्कर्म का यह मामला महिला सामाजिक संगठनों को भाजपा के संकल्प पत्र पर उंगली उठाने का भी मौका दे दिया है। 'नारी इंसाफ सेना' की अध्यक्ष वर्षा भारतीय ने कहा, "महिलाओं के मामलों में भाजपा विधायकों का यही रवैया रहा तो जिस तरह एकतरफा उनकी जीत हुई है, उसी तरह महिलाएं सड़क पर उतर एकतरफा विरोध भी करेंगी।" एक अन्य संगठन पब्लिक एक्शन कमेटी की प्रमुख श्वेता ने कहा कि इस मामले में नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए उनका संगठन उच्च न्यायालय की शरण लेगा।

दुष्कर्म के इस मामले से जहां बुंदेलखंड में 'कोरी-ब्राह्मण' के राजनीतिक गठजोड़ पर बट्टा लगने के आसार बन गए हैं, वहीं भाजपा विधायकों की 'नीति' और 'नियत' पर भी कई सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना यह होगा कि सूबे के मुख्यमंत्री पुलिस पर ऐसे दबाव बनाने वाले विधायकों की नाक में नकेल भी डालेंगे या फिर पूर्व की सत्तारूढ़ सरकारों की भांति इसकी अनदेखी करेंगे।

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