Sunday, April 28, 2024
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संजय निषाद ने कहा, बीजेपी को बहुत भारी पड़ेगी निषादों की उपेक्षा

संजय कुमार निषाद ने मंगलवार को एक बार फिर आगाह किया कि निषादों की उपेक्षा करना आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत भारी पड़ेगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 20, 2021 19:38 IST
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Image Source : PTI संजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए संसद में निषाद आरक्षण के मुद्दे का समर्थन किया था।

सोनभद्र: 'हक' की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर लगातार त्यौरियां चढ़ा रहे उसके सहयोगी दल निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार निषाद ने मंगलवार को एक बार फिर आगाह किया कि निषादों की उपेक्षा करना आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत भारी पड़ेगा। निषाद ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने कहा था कि सत्ता में आते ही निषादों के आरक्षण के मुद्दे को प्राथमिकता से हल किया जाएगा लेकिन वे तो सरकार की अंतिम प्राथमिकता में भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि निषाद समाज में रोष के कारण पंचायत चुनावों में बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

‘अपना ही वादा पूरा करते नजर नहीं आ रहे हैं योगी’

संजय निषाद ने कहा, ‘यही रवैया रहा तो अगले साल के शुरू में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को यह बहुत भारी पड़ेगा। योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए संसद में निषाद आरक्षण के मुद्दे का समर्थन किया था लेकिन अब वह अपना ही वादा पूरा करते नजर नहीं आ रहे हैं। त्रिस्तरीय चुनाव में निषाद पार्टी बीजेपी से अलग होकर लड़ी थी। उसका परिणाम यह हुआ कि बीजेपी चौथे स्थान पर चली गयी। पूर्व में कांग्रेस ने हमारे लोगों को धोखा दिया तो वह खत्म हो गयी। उसी प्रकार सपा और बसपा ने धोखा दिया उन्हें भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ा। अगर बीजेपी भी यही रवैया अपनाती है तो उसका भी यही हश्र होगा।’

‘प्रदेश में मछुआरा जातियों की आबादी 18 प्रतिशत’
निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार से गिनी-चुनी मांगे हैं और सबसे पहले उन्हें आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा तथा नदी, ताल और घाटों के किनारे बसने वाले मछुआरों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस हों। साथ ही उन क्षेत्रों के सभी भ्रष्ट अधिकारियों को सस्पेंड किया जाय। इसके अलावा नदी, ताल, घाटों और बालू के पट्टे मछुआरा जातियों के नाम आवंटित करने का कानून बनाते हुए उनके किनारे की जमीन मछुआरों के लिए आरक्षित की जाए।’ खुद को उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने की मांग दोहराते हुए निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मछुआरा जातियों की आबादी करीब 18 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या का एक प्रतिनिधि सदन में होना आवश्यक है, अगर उपमुख्यमंत्री का पद मिल जाय तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है।

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