हेल्थ डेस्क: आज के समय में महिलाओं में लगातार यूटेराइन कैंसर बढ़ता जा रहा हैं। यूटेराइन कैंसर को गर्भाशय कैंसर भी कहा जाता हैं। भारत में अधिक मात्रा में महिलाएं इसकी चपेच में आ रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार इसका सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं द्वारा कम बच्चों को जन्म देने या फिर बहुत देर से गर्भधारण करने की वजह से होता हैं।
ज्यादातर महिलाएं अपने करियर में आगे बढ़ाने के चक्कर में जल्दी गर्भधारण करना नहीं चाहती हैं। जिससे कि महिलाओं के शरीर में बनने वाले हार्मोनों का गर्भधारण नहीं होने के कारण इसका प्रभाव कैंसर टयूमर को विकसित करने में हो सकता है। अगर आप इस बीमारी के खतरे से बचना चाहती है तो जानिए इससे बचाव के तरीके, लक्षण।
क्या है यूरेटाइस कैंसर
सर्विक्स गर्भाशय का ही भाग है, जिसकी जांच योनि मार्ग से की जा सकती है। सर्विक्स की चौड़ाई एक इंच से भी कम होती है और इसकी लंबाई लगभग डेढ़ इंच होती है। सर्विक्स एक विशेष प्रकार की मांसपेशियों से घिरा होता है और यह सतह की कोशिकाओं की एक पतली पर्त से ढका होता है। सरफेश सेल्स में ही गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर विकसित होता है।
यह कैंसर सबसे पहले असामान्य तरीके से प्रीकैंसरस सेल्स के रूप में विकसित होता है। लगभग 10 साल के बाद ये प्रीकैंसरस सेल्स वास्तविक कैंसर कोशिकाओं में तब्दील हो जाती हैं। ये कैंसर कोशिकाएं सर्विक्स की मांसपेशियों, निकटवर्ती टिश्यूज और शरीर के अन्य अंगों में फैल जाती हैं।