Thursday, April 18, 2024
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अजीत पवार ने कहा, शिंदे सरकार के आने के बाद रोज 3 से 4 किसान आत्महत्या कर रहे हैं

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पवार ने कहा कि हमने किसानों के पक्ष में कई अहम फैसले किए थे। उन्होंने कहा कि जबसे यह सरकार सत्ता में आई है तब से हर रोज 3 से 4 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पवार ने कहा कि बारिश होने के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: October 06, 2022 22:43 IST
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Image Source : PTI महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार।

Highlights

  • अजीत पवार ने शिंदे सरकार पर निशाना साधा है।
  • सूबे में रोज 3 से 4 किसान जान दे रहे हैं: पवार
  • पवार ने कहा कि सरकार ने मुआवजे में भी कम पैसा दिया।

Ajit Pawar Attacks Eknath Shinde: NCP नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री  अजीत पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की जमकर आलोचना की है। शिंदे सरकार पर बरसते हुए पवार ने दावा किया है कि जून में शिंदे के सत्ता में आने के बाद से महाराष्ट्र में रोजाना 3 से 4 किसान जान दे रहे हैं। अजीत पवार ने गुरुवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद सरकार ने राज्य के उन हिस्सों को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया है जहां भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है।

‘हमने किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया था’

बता दें कि एकनाथ शिंदे के धड़े वाली शिवसेना के बगावत करने के परिणामस्वरूप राज्य में महा विकास आघाड़ी (MVA) की सरकार गिर गयी थी और शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों के गुट का समर्थन किया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली MVA सरकार में शिवसेना, NCP और कांग्रेस सहयोगी थे। अजीत पवार ने कहा, ‘जब हम सरकार में थे, हमने किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया था। इससे अब उन लोगों के खाते में 50 हजार रुपये आएंगे जो अपना कृषि कर्ज समय पर चुकाते हैं।’

‘रोज 3 से 4 किसान आत्महत्या कर रहे हैं’
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पवार ने कहा कि हमने किसानों के पक्ष में कई अहम फैसले किए थे, लेकिन जबसे यह सरकार सत्ता में आई है तब से हर रोज तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बारिश होने के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। पवार ने कहा कि किसानों द्वारा यह कदम उठाने का कारण यह है कि वे अपनी क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा पाने में विफल रहे, जो उन्हें मिलने वाली थी। उन्होंने कहा, ‘कई किसानों की 'खरीफ' फसल बर्बाद हो गयी।’

‘मुआवजा इतना कम था कि किसानों ने नहीं लिया’
पवार ने कहा, ‘कुछ किसानों को भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण रबी की फसल का भारी नुकसान हुआ है।’ NCP नेता ने कहा कि कुछ मामलों में मुआवजा दिया गया, लेकिन पैसे इतने कम थे कि किसान इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘हर चीज के लिए राज्य सरकार केंद्र की तरफ देखती है। मैंने उनसे उन क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित करने के लिए कहा था जहां भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’

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