नोटबंदी की चर्चाओं के बीच ठगबाजों ने ऐसा जाल बुना कि महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के आमगांव का राइस मिलर झटपट करोड़पति बनने के लालच में खुद ही कंगाल बन बैठा। कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। कभी एटीएम से 500 का नोट गायब, तो कभी नेताओं-अफसरों से पहचान का हवाला और इसी भरोसे की डोर में बंधकर मिलर 1 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार बन गया।
बंद होने वाले हैं 500 के नोट
दरअसल, मामला कुछ यूं है कि मां शक्ति राइस मिल के संचालक 45 वर्षीय वीरेंद्र कुमार लिल्हारे, जो कि आमगांव के लांजी रोड के पास रहते हैं। उनसे आरोपियों ने कहा कि 500 के नोट बंद होने वाले हैं। हमारे पास अफसर नेताओं का ब्लैक मनी है। इसे खपाना है। तुम असली 100-200 के नोट दो, बदले में 3 गुना नकदी मिलेगी। लालच के इस खेल में मिलर ने भरोसा कर दिया लेकिन विश्वास की इसी चूक ने उसकी गाढ़ी कमाई डुबो दी।
चावल के सौदे में एक करोड़ की ठगी
पहले फरियादी ने सोचा कि अगर असली कहानी पुलिस को बताता हूं तो मेरी जग हंसाई होगी, बेवकूफ कहलाऊंगा और बदनामी होगी। इस वजह से उसने 10 कंटेनर चावल के सौदे में एक करोड़ की ठगी का मामला दर्ज कराया था, जब पुलिस जांच में परतें खुली तो मामला चावल सौदे का न होकर नोटों के अदला बदली की डील के साथ सामने आया है।
ऊपर असली नोट और नीचे चूरन वाले नोट
डील तय होते ही ठगबाजों ने असली और नकली का ऐसा कॉम्बिनेशन तैयार किया कि पहली नजर में कोई पकड़ न पाए। ऊपर असली 500 का एक नोट, नीचे चिल्ड्रन बैंक रद्दी कागज और कोरे रजिस्टर रखकर पारदर्शी पॉलिथीन और प्लास्टिक टेप से अच्छी पैकिंग की जो एक बारगी देखते ही नोटों का सूटकेस “भारी और असली” लग रहा था।
नकली नोटों से बदला असली नोटों वाला सूटकेस
योजनाबद्ध तरीके से ठगबाजों ने फरियादी को गोंदिया के जयस्तंभ चौक निकट भीड़भाड़ वाले इलाके में बुलाया। 1 करोड़ रुपए की असली नोटों से भरी बोरी और नकली नोटों से भरा सूटकेस बदल डाला।फरियादी ने नोटों का ब्रीफकेस खोलकर एक नजर तसल्ली की क्योंकि वहां नोटों की जांच संभव नहीं थी। इसलिए राइस मिल पहुंचा लेकिन जैसे ही सूटकेस पूरी तरह खोला-सिर्फ 8000 असली नोट निकले। बाकी सब भारतीय मनोरंजन बैंक यानी बच्चों के खेलने वाले 500 के चूरन नोट और कागज निकले।
पुलिस इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस की जांच में अब मामले की सच्चाई सामने आई है। यह कोई 10 कंटेनर चावल का सौदा नहीं था बल्कि 'नोटों के अदला बदली' की डील थी। पुलिस ने अब तक छिंदवाड़ा निवासी 5 आरोपी रामेश्वर धुर्वे (45), हेमलता बैस ( 42 ), इशांत राजेश नायर (23 ), अजय माखन धुर्वे (24), अमित दीपक करोसिया (39) सहित गोंदिया निवासी दीप्ति मिश्रा को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारतीय मनोरंजन बैंक (चिल्ड्रन बैंक) के चूरन नोटों के साथ वारदात में इस्तेमाल टोयोटा कार और फोर्ड इकोस्पोर्ट कार एक ट्रॉली बैग सहित कुल 7.51 लाख का माल बरामद किया है, जबकि मास्टरमाइंड राजेश विश्वनाथ नायर (50, निवासी- शारदा चौक, छिंदवाड़ा ) यह 1 करोड़ की रकम के साथ अब भी फरार है।
इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे, अप्पर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे, उप विभागीय पुलिस अधिकारी रोहिणी बानकर के मार्गदर्शन में स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक पुरुषोत्तम अहेरकर। सिटी थाना पुलिस निरीक्षक किशोर पर्वते ने अंजाम दिया है।
रवि आर्य की रिपोर्ट