Thursday, May 02, 2024
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मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे की भूख हड़ताल का 9वां दिन, शरीर में हो गई है पानी की कमी

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंतरवाली सराती गांव में भूख हड़ताल की जा रही है। इस हड़ताल को कुल 9 दिन हो चुके हैं। डॉक्टरों ने जरांगे के स्वास्थ्य के बारे में बताया कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: September 06, 2023 12:52 IST
मनोज जरांगे।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA मनोज जरांगे।

मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। मनोज जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल पर हैं। बुधवार को उनके भूख हड़ताल का नौवां दिन रहा। जरांगे के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है इसलिए उन्हें नसों के जरिए लिक्विड डाइट दिया जाएगा। डॉक्टर ने बताया कि जरांगे का BP बहुत कम हो गया है।

जरांगे ने सरकार को दिया 4 दिन की मोहलत

मनोज जरांगे ने कहा कि अगर आरक्षण पर सरकार ने अनुकूल निर्णय नहीं लिया तो वह चार दिन बाद पानी और जूस पीना भी बंद कर देंगे। वहीं, सरकार ने अब तक जरांगे से दो बार संपर्क किया है और उनसे अनशन वापस लेने का आग्रह किया है लेकिन जरांगे हैं कि मान ही नहीं रहे। मनोज जरांगे की स्वास्थ्य की निगरानी के लिए सरकार ने डॉक्टरों की एक टीम नियुक्त की है। 

जरांगे के शरीर में पानी की कमी

जालना के एडिशनल सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने कहा, ‘‘जरांगे के शरीर में पानी की कमी हो गई है और उनका क्रिएटिनिन स्तर थोड़ा अधिक है। हमने उन्हें नसों के जरिए तरल पदार्थ देना शुरू कर दिया है।’’ साथ ही डॉक्टर ने बताया कि जरांगे के शरीर के सारे महत्वपूर्ण पैरामीटर ठीक हैं, लेकिन उनका ब्लडप्रेशर काफी कम है। आज सुबह डॉक्टर ने जब उनका BP चेक किया था तो उनका बीपी 110 (सिस्टोलिक) और 70 (डायस्टोलिक) आया था। उनके बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स ठीक हैं और उनका हार्ट रेट भी ठीक है। 

सरकारी प्रतिनिधिमंडल कर चुका है मुलाकात

एक सितंबर को अधिकारियों ने जरांगे को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ऐसा नहीं करने दिया। इसके बाद पुलिस ने अंतरवाली सरती गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग के हवाले कर दिया गया था। महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद के अपने सहयोगियों संदीपन भुमरे और अतुल सावे के साथ जरांगे से मुलाकात की थी और उनसे अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया था। महाजन ने जरांगे को अपने साथ मुंबई चलने और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत का प्रस्ताव भी दिया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। 

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अड़े है जरांगे

मुख्यमंत्री शिंदे ने सोमवार को कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया जाए, इस पर एक समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वर्ष 2018 में जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण प्रदान किया गया था, जिसे मई 2021 में उच्चतम न्यायालय ने अन्य आधारों के साथ कुल आरक्षण पर 50 प्रतिशत की छूट की सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था।

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