Friday, April 26, 2024
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नारायण राणे ने शिवसेना को दी धमकी, कहा- पार्टी के बारे में काफी चीजें जानते हैं

नारायण राणे ने कहा, "मैंने उनके साथ 39 साल तक काम किया है, मैं काफी चीजें जानता हूं। मुझे पता है कि किसने अपने भाई की पत्नी पर तेजाब फेंकने के लिए कहा। यह किस तरह का संस्कार है?" शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए राणे ने कहा, "एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करके किसी को क्या मिला? मैं एक के बाद एक कर मामले सामने लाऊंगा।"

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 27, 2021 19:03 IST
Union minister and BJP leader Narayan Rane- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO Union minister and BJP leader Narayan Rane

मुंबई: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि वह पार्टी और उसके नेताओं के बारे में काफी कुछ जानते हैं और वह ‘एक के बाद एक’ कर मामले सामने लाएंगे। राणे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वह जानते हैं कि किसने किससे कहा था कि भाई की पत्नी पर तेजाब फेंके। राणे अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के तहत रत्नागिरी जिले में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। 

बता दें कि, राणे ने इस हफ्ते की शुरुआत में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी की थी जिससे विवाद पैदा हो गया था। इस संबंध में राणे को गिरफ्तार भी किया गया था और कुछ घंटे बाद उन्हें रिहा किया गया था। इस घटना को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। 

नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा, "मैंने उनके साथ 39 साल तक काम किया है, मैं काफी चीजें जानता हूं। मुझे पता है कि किसने अपने भाई की पत्नी पर तेजाब फेंकने के लिए कहा। यह किस तरह का संस्कार है?" शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए राणे ने कहा, "एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करके किसी को क्या मिला? मैं एक के बाद एक कर मामले सामने लाऊंगा।" 

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने कहा, "सेना (शिवसेना) का एक कार्यकर्ता (वरुण सरदेसाई) मेरे घर (मुंबई में) के बाहर आया था और मुझे धमकी दी थी। अगर वह अगली बार आता है, तो वह वापस नहीं जाएगा।" सरदेसाई शिवसेना की युवा इकाई ‘युवा सेना’ के नेता हैं। युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने राणे की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को मुंबई में राणे के बंगले के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। 

गौरतलब है कि नारायण राणे ने शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और 1999 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2005 में, उन्हें "पार्टी विरोधी गतिविधियों" को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2017 तक वहीं रहे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। 

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