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असम के साथ मिजोरम का दशकों पुराना है सीमा विवाद, गृहमंत्री ने सीमा वार्ता को लेकर की पहल

मिजोरम की लालदुमोहा सरकार ने असम के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए फिर से पहल कर दी है। राज्य के गृह मंत्री सपडांगा की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया है कि असम के साथ सीमा वार्ता फिर से शुरू की जाए।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jan 28, 2024 23:52 IST, Updated : Jan 28, 2024 23:52 IST
Mizoram- India TV Hindi
Image Source : ANI मिजोरम के गृह मंत्री के.सपडांगा

मिजोरम दशकों पुराने सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए असम के साथ चर्चा फिर से शुरू करना चाहता है। एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। राज्य के गृह मंत्री सपडांगा की अध्यक्षता में नवगठित सीमा समिति की एक बैठक हुई। बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया और इच्छा व्यक्त की गई कि असम के साथ सीमा वार्ता, जो नवंबर में विधानसभा चुनावों के कारण निलंबित कर दी गई थी, फिर से शुरू की जाए। अधिकारी बताया कि बैठक में सीमा विवाद को सुलझाने और असम के साथ "शांति स्थापित करने" का भी निर्णय लिया गया।

पिछली मएनएफ सरकार की भी सराहना की

गृह मंत्री सपडांगा ने बैठक में कहा कि लालदुहोमा सरकार राज्य की सीमा की सुरक्षा और लोगों, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच शांति बहाली को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए ऐसे तरीके खोजने का प्रयास किया जाना चाहिए जो दोनों राज्यों को स्वीकार्य हों। गृह मंत्री ने असम के साथ सीमा विवाद का समाधान खोजने की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए पिछली एमएनएफ सरकार की भी सराहना की। इस बैठक में पर्यावरण और वन मंत्री ललथनसांगा, जो समिति के उपाध्यक्ष हैं, मुख्य सचिव रेनू शर्मा, डीजीपी अनिल शुक्ला, सभी राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

ये है दोनों राज्यों का सीमा विवाद-

गौरतलब है कि मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, कर्मगंज और हैलनकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद मुख्य रूप से दो औपनिवेशिक सीमांकनों से उपजा है। मिजोरम का दावा है कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत 1875 में अधिसूचित इनर लाइन आरक्षित वन का 509 वर्ग मील क्षेत्र उसके क्षेत्र में आता है, जबकि असम 1933 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार किए गए मानचित्र को अपनी संवैधानिक सीमा मानता है। इनर लाइन आरक्षित वन के भीतर एक बड़ा क्षेत्र अब असम में हैं।

सीमा विवाद में बह चुका है खून

इसी तरह, 1933 के सीमांकन के अनुसार इस क्षेत्र का एक निश्चित हिस्सा अब मिजोरम की तरफ है। मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद ने जुलाई 2021 में एक बदसूरत मोड़ ले लिया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसमें 6 पुलिसकर्मियों और असम के एक नागरिक की मौत हो गई थी। मिजोरम के वैरेंगटे गांव के पास विवादित इलाके में हुई हिंसक झड़प में 60 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। इसको लेकर दोनों राज्यों ने तीन मंत्री-स्तरीय बैठकों सहित कई दौर की बातचीत की है और सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से विवाद को हल करने पर सहमति व्यक्त की है।

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