विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर के पहले पखवाड़े में शुद्ध लिवाल रहे। एफपीआई ने पूंजी बाजारों में 1,841 करोड़ रुपए की पूंजी डाली। इससे पहले लगातार दो महीने पीएफआई शुद्ध बिकवाल रहे थे।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच आर खान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर एफपीआई नियमों को नए सिरे से तैयार किया गया है।
वैश्विक एवं घरेलू मोर्चे पर बाजारों में गिरावट के कारण अगस्त के पहले सात कारोबारी सत्रों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से 9,197 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।
कारोबार के अंतिम घंटे में ऊर्जा, तेल एवं गैस, वाहन और आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार लिवाली देखने को मिली।
सॉवरेन बांड जारी करने के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि बजट में घोषणा के अलावा इस पर अभी कुछ नहीं किया गया है।
मार्च के अंत में यह आंकड़ा 78,110 करोड़ रुपए, अप्रैल में 81,220 करोड़ रुपए और मई के अंत में 82,619 करोड़ रुपए था।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई महीने में अभी तक भारतीय शेयर बाजारों से 7,712 करोड़ रुपये की निकासी की है।
आम बजट 2019-20 के बाद शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की भारी निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक जुलाई महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।
वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट में धनाढ्य लोगों पर आयकर सरचार्ज बढ़ा दिया है। इससे करीब 40 प्रतिशत एफपीआई स्वत: तरीके से ऊंचे कर के दायरे में आ गए हैं।
कर लगने की आशंका से एफपीआई द्वारा मुनाफावसूली किए जाने से शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव दिखा।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ एफपीआई ट्रस्ट वाले कर ढांचे पर चलते हैं, ऐसे में उन्हें एओपी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
बजट से पहले के पूर्वानुमानों और वैश्विक स्तर पर छाए व्यापार तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से जुलाई के पहले हफ्ते में 475 करोड़ रुपये की निकासी की है।
इससे पहले एफपीआई ने मई में 9,031.15 करोड़ रुपए, अप्रैल में 16,093 करोड़ रुपए, मार्च में 45,981 करोड़ रुपए और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
डिपॉजिटरी के पास मौजूद ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2-31 मई के दौरान शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 7,919.73 करोड़ रुपए का निवेश किया
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी/Sebi) द्वारा गठित एक समिति ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई/FPI) की निगरानी करने वाले नियमों में उल्लेखनीय बदलाव का प्रस्ताव किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) फरवरी महीने में भी शुद्ध खरीदार रहे। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर एवं बांड बाजार दोनों) में कुल 11,182 करोड़ रुपए का निवेश किया।
डिपॉजिटरी के पास मौजूद हालिया आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने फरवरी में शेयर बाजार में 1,17,899.79 करोड़ रुपए का निवेश किया और 1,00,680.17 करोड़ रुपए की निकासी की।
इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की चाल आर्थिक आंकड़ों, प्रमुख कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक बाजारों से मिलने वाले संकेतों से तय होगी।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से भारतीय पूंजी बाजार में निवेश नवंबर में बढ़कर 79,247 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
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