उत्तर प्रदेश में अनेक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का विकास हो रहा है, जिनमें कुशीनगर हवाई अड्डे का हाल में उद्घाटन हो चुका है और अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण-कार्य चल रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जेवर दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
इस परियोजना का पहला चरण वर्ष 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, जेवर के निर्माण के लिए शनिवार को 1,334 हेक्टेयर जमीन के कब्जा हस्तांतरण ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है और इसका मुख्य कैरिजवे जल्द ही वाहनों की गति के लिए खोल दिया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर इंतजार अब खत्म होने जा रहा है।
यमुना प्राधिकरण इसे 2041 की महा योजना में शामिल करने के लिए एनसीआर योजना बोर्ड को जल्द प्रस्ताव भेजेगा।
जेवर हवाईअड्डे के विकास का अनुबंध देने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को शुक्रवार को चुना गया।
अडाणी इंटरप्राइजेज और दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लि. (DAIL) समेत चार बोलीदाताओं ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिये बोली लगायी है।
नोएडा में जेवर गांव के निकट नया हवाई अड्डा बनाने के लिए ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ उत्तर प्रदेश सरकार को दी गई है।
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जेवर में प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाइअड्डे को केंद्र सरकार की तरफ से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके 2022 तक चालू हो जाने की संभावना है।
नोएडा के नजदीक जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास के लिए तकरीबन 3,000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी और पहले चरण में 1206 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने के लिए तकरीबन 3000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने का रास्ता अब बिल्कुल साफ हो गया है।
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