मंगलवार को रुपया 72.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो इसका अबतक का सबसे निचला स्तर है
पिछले हफ्ते शुक्रवार को रुपया 34 पैसों की मजबूती के साथ 71.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में पूंजी बाजार से 5,600 करोड़ रुपए की निकासी की है जबकि इससे पहले दो महीनों में उन्होंने लगातार निवेश किया था।
गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए ने 72.12 का निचला स्तर छुआ है जो इसका अबतक का सबसे निचला स्तर है
पिछले हफ्ते शुक्रवार को यह 70.99 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो इसका अबतक का सबसे निचला क्लोजिंग स्तर है
शुरुआती कारोबार में ही रुपया 23 पैसे की गिरावट के साथ घटकर 70.82 प्रति डॉलर के स्तर तक आ गया है जो इसका अबतक का सबसे निचला स्तर है
पिछले हफ्ते शुक्रवार को डॉलर का भाव 70.15 रुपए पर बंद हुआ था जो रुपए का अबतक का सबसे निचला क्लोजिंग स्तर है
रुपए में लगातार गिरावट से 2018-19 में देश का कच्चा तेल आयात बिल 26 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट जारी रहने से तेल आयात बिल 114 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
डॉलर का भाव अब 70 रुपए को भी पार कर गया है। फिलहाल डॉलर का भाव बढ़कर 70.07 रुपए दर्ज किया जा रहा है जो अबतक का सबसे अधिक भाव है और रुपए का सबसे निचला स्तर है
डॉलर का भाव 105 पैसे बढ़कर 69.88 रुपए हो गया है जो अबतक का सबसे ज्यादा भाव है और रुपए का सबसे निचला स्तर है
शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपये करीब 78 पैसे लुढ़क गया है। फिलहाल डॉलर का भाव घटकर 69.61 रुपए तक आ गया है जो अबतक का सबसे निचला स्तर है।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 28 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 68.88 प्रति डॉलर पर आ गया।
Rupee Vs Dollar : अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए ने इस हफ्ते मजबूती के साथ शुरुआत की है। डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे की मजबूती के साथ खुला है और धीरे-धीरे और मजबूत हो रहा है। फिलहाल डॉलर का भाव घटकर 68.66 रुपए तक आ गया है। रुपए में आई इस रिकवरी के फायदे भी हैं और नुकसान भी।
डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार के शुरुआती कारोबार के दौरान 69.12 के स्तर तक चला गया। यह रुपए का अबतक का निम्नतम स्तर है। बैंकों और आयातकों ने डॉलर की बिकवाली की जिससे यह स्थिति बनी है।
शेयर बाजार में भारी तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट से रुपए की विनिमय दर आज 20 पैसे की तेजी के साथ एक सप्ताह के उच्च स्तर 68.57 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई।
डॉलर की लगातार मजबूती, विदेशी निवेश प्रवाह में कमी तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता की वजह से रुपए पर अभी दबाव बना रहेगा। बैंकरों का कहना है कि इस सप्ताह रुपया और टूटकर 70 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच जाएगा।
अंतर बैंकिग विदेशी मुद्रा विनिमय कारोबार में रुपए में मंगलवार की तेजी के बाद बुधवार को अंतिम दौर में रुख पलट गया। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि के बाद मुद्रास्फीति को लेकर चिंता बढ़ने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रुपया 17 पैसे गिरकर 68.74 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
निर्यातकों और निगमित कंपनियों की ताजा डॉलर बिकवाली के कारण रुपया कल की भारी गिरावट से उबरता हुआ 23 पैसों की मजबूती के साथ 68.57 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बढ़ते वैश्विक जोखिम से अल्पावधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 68 से 72 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में पहुंच सकता है लेकिन इसके बाद रिजर्व बैंक (RBI) स्थिति नियंत्रण में लाने के लिये बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। यूबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
भारत उन पांच देशों में शुमार है जो डॉलर के मजबूत होने से सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने गुरुवार एक रिपोर्ट में कहा कि डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्राओं पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन भारत सबसे कम जोखिम वाले देशों में है।
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