बुच और सेबी के तीन मौजूदा पूर्णकालिक निदेशकों- अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उच्च न्यायालय में पेश हुए।
जस्टिस एस. जी. डिगे की सिंगल बेंच ने कहा कि याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई होगी और तब तक एसीबी के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई नहीं होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पूर्व सेबी प्रमुख बुच और सेबी के तीन मौजूदा पूर्णकालिक निदेशकों - अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय की ओर से पेश हुए।
माधबी पुरी बुच ने अपने कार्यकाल में इक्विटी में तेजी से निपटान, एफपीआई प्रकटीकरण में वृद्धि और 250 रुपये के एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड पैठ बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की, लेकिन उनके कार्यकाल के आखिरी वर्ष में काफी विवाद हुआ।
वित्त सचिव के रूप में, तुहिन कांत पांडेय की भूमिका नीतिगत मामलों पर वित्त मंत्री को सलाह देने और मिनिस्ट्री के ऑपरेशन को मैनेज करने में महत्वपूर्ण थी। उन्होंने संसद की लोक लेखा समिति के सामने मंत्रालय का प्रतिनिधित्व किया और भारत की राजकोषीय और आर्थिक रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सेबी ने अपने निरीक्षण में, नियामक ने खासतौर से साइबर सुरक्षा और आपदा रिकवरी में प्रमुख नियामक प्रावधानों का गैर-अनुपालन पाया।
बाजार नियामक सेबी ने एक्सिस सिक्योरिटीज पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना स्टॉक ब्रोकर रूल्स व रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया गया है।
उन्होंने कहा था, “बाजार में झाग के ढेर हैं। कुछ लोग इसे बुलबुला कहते हैं, कुछ इसे झाग कहते हैं। उस झाग को बनने देना शायद उचित नहीं है।”
दोनों पोर्टफोलियो मैनेजर ने नियमों के तहत अनिवार्य 5 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ को पूरा किए बिना रजिस्टर्ड पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में काम किया था।
सेबी ने कहा कि ये संस्थाएं अब ब्रोकर विनियमन 1992 के तहत स्टॉक ब्रोकर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं। सभी चार स्टॉक ब्रोकर्स सेबी को देय किसी भी बकाया शुल्क, बकाया और ब्याज का भुगतान करने के लिए भी जिम्मेदार होंगे।
सेबी की जांच की अवधि सितंबर, 2018 से सितंबर, 2023 तक थी। सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि आशीष कीर्ति कोठारी, उनके परिवार के सदस्य और उनके एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) पर बड़े ग्राहक के फ्रंट-रनिंग सौदे करने का आरोप है।
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने एक सार्वजनिक विज्ञापन में 17 फरवरी तक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। मौजूदा चेयरमैन माधवी पुरी बुच का तीन साल का कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो रहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI ) आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के बंद होने और शेयर बाजार में लिस्ट होने के बीच एक प्लेटफॉर्म शुरू करने पर विचार कर रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को आईपीओ लिस्ट होने से पहले बेचने की सुविधा होगी।
हिंडनबर्ग ने साल 2020 में अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ चाल चली थी। हिंडनबर्ग ने इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली इस कंपनी पर आरोप लगाए थे कि इसने अपनी टेक्नोलॉजी को लेकर इंवेस्टर्स को झूठ बोला है। इस मामले में अमेरिका की एक अदालत ने कंपनी के फाउंडर ट्रेवर मिल्टन को फ्रॉड का दोषी करार दिया था।
कंपनी ने दो दिसंबर कहा था कि उसने 20 दिसंबर, 2024 तक अपने स्वामित्व वाले स्टोर नेटवर्क को चार गुना बढ़ाकर 4,000 तक करने की योजना बनाई है।
सेबी ने कहा कि नीलामी 27 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। नियामक ने बोली लगाने वालों से कहा है कि वे बोली लगाने से पहले देनदारियों, मुकदमों, नीलामी में रखी गई संपत्तियों के टाइटल और दावों के बारे में स्वतंत्र जांच कर लें।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 16 दिसंबर, 2024 को सोशल मीडिया पोस्ट और एक शिकायत के बाद भारत ग्लोबल डेवलपर्स के खिलाफ जांच शुरू की थी।
जांच की अवधि एक जनवरी, 2021 से 19 जुलाई, 2024 तक थी। अपनी जांच में सेबी ने पाया कि पीएनबी मेटलाइफ में अधिकांश लेन-देन से संबंधित निर्णय निष्पादन के लिए सचिन दगली को सौंपे गए थे।
सेबी ने कहा कि आईपीओ शुरू करने की योजना बना रहे एसएमई को अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करते समय पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से दो में कम से कम 1 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल प्रॉफिट (ब्याज, मूल्यह्रास और कर से पहले की कमाई - ईबीआईटीडीए) शो करना होगा।
एचडीएफसी बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि सेबी के इस वॉर्निंग लेटर और चिंताओं का उनके फाइनेंशियल, ऑपरेशन और किसी अन्य एक्टिविटीज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्राइवेट सेक्टर के इस सबसे बड़े बैंक ने बीएसई और एनएसई, दोनों एक्सचेंजों को सेबी के इस वॉर्निंग लेटर की जानकारी दी है।
ट्रैवल फूड सर्विसेज का आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस बेस्ड होगा, यानी इसमें कोई नए शेयर जारी नहीं किए जाएंगे। बल्कि कंपनी के प्रोमोटर्स ही ओएफएस के जरिए सभी शेयर जारी करेंगे। डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, कंपनी के प्रोमोटर कपूर फैमिली ट्रस्ट सभी 2000 करोड़ रुपये के शेयर जारी करेंगे।
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