अजमेर में एक डॉक्टर के साथ हुई बदसलूकी के मामले में आज अजमेर में डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। दरअसल गुरुवार को अजमेर प्राइवेट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष के घर पर एडीए की टीम बुल्डोजर लेकर पहुंची और डॉक्टर के घर को गिरा दिया। मकान गिराए जाने की सूचना डॉक्टर कुलदीप शर्मा और उनकी पत्नी को पड़ोसियों ने दी। डॉक्टर कुलदीप शर्मा ने इस दौरान आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ड्यूटी पर गई थीं, तभी एडीए की टीम ने हमारे बच्चों को घर से बाहर निकालकर जेसीबी चलाना शुरू कर दिया। घर पर दो नाबालिग बच्चे थे। बता दें कि इस दौरान डॉक्टर के साथ हुई धक्का-मुक्की और मारपीट का वीडियो भी सामने आया है।
अजमेर में डॉक्टर के साथ मारपीट
मकान तोड़ने और डॉक्टर से मारपीट करने की सूचना मिलने पर संगठन से जुड़े सभी डॉक्टर क्रिश्चियन थाना पर इकट्ठा हो गए। इस दौरान डॉक्टरों ने कलेक्ट्रेट में कलेक्टर लोकबंधु, एसपी वंदिता राणा और एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ से बातचीत की, लेकिन इस बातचीत का कोई समाधान नहीं निकला। पीड़ित डॉक्टर कुलदीप ने बताया कि उन्होंने नियम के अनुसार मकान का निर्माण कराया था। इसके बावजूद भी एडीए की टीम मकान तोड़ने पहुंच गई और इसकी नोटिस भी नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि जब टीम मकान तोड़ने पहुंची तब उनके घर में दो बच्चे थे, जिन्हें धक्का देकर एडीए के कर्मचारियों ने घर से बाहर निकाल दिया और मकान को तोड़ना शुरू कर दिया।
डॉक्टरों ने शुरू की हड़ताल
इस मामले के सामने आने के बाद प्राइवेट डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव पंकज तोषनीवाल ने कहा कि डॉक्टर के खिलाफ जो अत्याचार किया गया और मारपीट की गई है। इसके विरोध में आज अजमेर में सभी प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे और जब तक अधिकारियों को सस्पेंड नहीं किया जाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगा। इसके अलावा इस मामले के सामने आने के बाद ब्राह्मण समाज की ओर से भी डॉक्टर कुलदीप शर्मा को समर्थन दिया गया। पंडित सुदामा शर्मा ने कहा कि डॉक्टर कुलदीप शर्मा के साथ जो घटना हुई है, वह निंदनीय है। उनके बच्चों का कल एग्जाम है और उनके बच्चों के भविष्य का ख्याल प्रशासन को रखना चाहिए था।
अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के क्या हैं नियम?
भारत में अगर किसी मकान के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो कानूनन 15 दिन पहले रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए मकान के मालिक को अधिकारियों द्वारा नोटिस भेजा जाता है और उस घर के बाहर नोटिस चिपकाया जाता है और उसमें यह जानकारी दी जाती है कि आखिर वह मकान अवैध क्यों है, मकान को बनाने में किन नियमों का उल्लंघन किया गया है और क्यों मकान को गिराया जाएगा। साथ ही मकान गिराने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाती है। हालांकि बुल्डोजर एक्शन पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को गैर जरूरी और असंवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के शासन में बुलडोजर से न्याय स्वीकार नहीं है। प्रशासन इस तरह के फैसले नहीं ले सकता। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है।
(रिपोर्ट- राजकुमार वर्मा)