चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हिंदू धर्म की पुण्य तिथियों में से एक माना जाता है। इस तिथि को ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को राम नवमी के रूप में भी जाना जाता है। इसके साथ ही, इसी दिन माता दुर्गा के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही नवरात्रि का समापन भी होता है। यानि आदिशक्ति माता दुर्गा और आदिपुरुष श्रीराम दोनों का आशीर्वाद भक्त इस दिन पा सकते हैं। हालांकि, आज हम आपको बताएंगे कि साल 2024 में राम नवमी कब है, और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।
राम नवमी तिथि 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को 1 बजकर 26 मिनट से शुरू हो जाएगी और 17 अप्रैल को 3 बजकर 16 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार 17 अप्रैल को ही राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन पूजा आराधना करने का शुभ मुहूर्त नीचे दिया गया है।
राम नवमी पूजा मुहूर्त
राम नवमी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करने के बाद आप श्रीराम का ध्यान कर सकते हैं और पूजा-अर्चना भी कर सकते हैं। हालांकि, पंचांग की गणना के अनुसार 17 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट का समय पूजा के लिए अतिशुभ रह सकता है। इस दौरान भगवान राम का ध्यान करना और रामचरित मानस का पाठ करना आपको मानसिक शांति का अनुभव कराएगा। आप पूजा ना भी कर पाएं तो इस दिन कम से कम राम नाम का 108 बार जप करने से आपको अच्छे परिणामों की प्राप्ति हो सकती है।
राम नवमी का महत्व
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, और उन्हीं के नाम से इस तिथि को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। भगवान राम ने अपने चरित्र, प्रजा के प्रति अपनी निष्ठा, वचनों को निभाने के दृढ़संकल्प और मर्यादित रहकर पुरुषोत्तम का दर्जा पाया था। इसीलिए भगवान राम को आदिपुरुष भी कहा जाता है। राम नवमी का त्योहार हमें यही संदेश देता है कि, हम भी उनके पदचिह्नों पर आगे बढ़ सकें और मर्यादित जीवन जी सकें। इसके साथ ही माना जाता है कि राम जी की पूजा करने से हमें बुद्धि और विवेक प्राप्त होता है और साथ ही राम जी के परम भक्त हनुमान जी की कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है। भगवान राम को आस्था के प्रतीक के रूप में याद रखने के साथ ही हम उनके गुणों को भी खुद में लाएं, यही संदेश राम नवमी का त्योहार हमें देता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)