Sunday, December 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. 11 मुखी रुद्राक्ष है हनुमान जी का प्रतीक, जानें कौन कर सकता है इसे धारण और इसके लाभ

11 मुखी रुद्राक्ष है हनुमान जी का प्रतीक, जानें कौन कर सकता है इसे धारण और इसके लाभ

रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और इनमें से ही एक है 11 मुखी रुद्राक्ष। इस रुद्राक्ष का संबंध हनुमान जी से माना जाता है। किन लोगों को यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इससे क्या-क्या लाभ आपको प्राप्त हो सकते हैं, आइए जानते हैं।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Naveen Khantwal Published : Aug 14, 2025 04:27 pm IST, Updated : Aug 14, 2025 04:27 pm IST
Rudraksh- India TV Hindi
Image Source : UNSPLASH रुद्राक्ष

एकादशमुखी, यानि 11 मुखी रुद्राक्ष। संरचना के आधार पर जिस रुद्राक्ष के दाने पर 11 धारियां या लाइन्स पड़ी होती हैं, वह 11 मुखी, यानि एकादशमुखी रुद्राक्ष कहलाता है। इस एकादश रुद्राक्ष का आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। आपको बता दूं कि 11 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है। साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि इस रुद्राक्ष में ग्यारह रुद्रों की शक्ति विद्यमान है। रुद्र संहिता में इन ग्यारह रुद्रों के बारे में जिक्र मिलता है। रुद्र संहिता में लिखा है कि एक बार असुरों के हाथों से देवों की पराजय के बाद वे कश्यप मुनि की शरण में पहुंच गये। तब मुनि को उन पर दया आ गई और उन्होंने काशी जाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की। कश्यप मुनि की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी उनके सामने प्रकट हो गये और देवों को सुरक्षा का वचन दिया। साथ ही शिवजी के आशीर्वाद से कश्यप मुनि को सुरभि के द्वारा ग्यारह रुद्र, पुत्रों के रूप में प्राप्त हुये। बाद में इन ग्यारह रुद्रों ने ही दानवों को हरा कर देवों की रक्षा की थी। 

11 मुखी रुद्राक्ष कौन धारण कर सकता है

किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से कुंडली दिखवाकर आप इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। कुंडली में मौजूद कुछ विपरीत परिस्थितियों में इसे धारण करने की मनाही होती है लेकिन अधिकतर लोगों को यह रुद्राक्ष शुभ परिणाम ही देता है। राशिचक्र की 2 राशियों मेष और वृश्चिक के लिए यह रुद्राक्ष बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर होती है वो भी इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ बीमारियों में और कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी यह रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है, जिसके बारे में आप आगे जानेंगे। 

11 मुखी रुद्राक्ष से मिलने वाले लाभ 

  • पद्मपुराण के अनुसार 11 मुखी रुद्राक्ष के धारक को हनुमान जी के जैसे गुण प्राप्त होते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है, उसकी बौद्धिक क्षमता और शारीरिक बल में वृद्धि होती है। साथ ही वाणी में कुशलता आती है। इसके अलावा किसी तरह की संधि वार्ता के दौरान भी ये एकादशमुखी रुद्राक्ष बेहद फायदेमंद है।
  • आपको बता दूं कि 11 मुखी रुद्राक्ष को इन्द्र देव का आशीर्वाद भी प्राप्त है। ये रुद्राक्ष सभी ग्यारह इन्द्रियों, यानि पांच कर्मेंन्द्रियों, पांच ज्ञानेन्द्रियों और मन पर अधिकार दिलाता है। साथ ही ये रुद्राक्ष भाग्य को बढ़ाने वाला है। इस 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के अंदर नेतृत्व गुणों का विकास होता है, यानि ये व्यक्ति को नेतृत्व की क्षमता प्रदान करता है।
  • 11 मुखी रुद्राक्ष को सुख-समृद्धि का कारक भी माना जाता है। इसे धारण करने से या घर में रखने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है और काम बिना किसी बाधा के सरलता से पूरे हो जाते हैं। महाशिवपुराण के अनुसार इस 11 मुखी रुद्राक्ष को अपनी शिखा, यानि बालों में बांधने से या गले में धारण करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है और व्यक्ति राजा के समान सुख भोगता है।
  • साथ ही जिन लोगों को सिरदर्द, बार-बार चक्कर आने, याद्दाश्त कमजोर होने या लगातार जुकाम की शिकायत रहती है, उन लोगो को भी शिखा में 11 मुखी रुद्राक्ष पहनने से फायदा मिलता है, लेकिन हर किसी के लिये शिखा, यानि बालों में रुद्राक्ष पहनना संभव नहीं है, अतः वो लोग अपने गले में भी 11 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। 
  • कहते हैं 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले को सौ अश्वमेघ यज्ञ या ब्राह्मणों को एक लाख गाय दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही इस रुद्राक्ष से व्यक्ति को हर तरह की परेशानी से सुरक्षा मिलती है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। 11 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को अचानक होने वाली दुर्घटना से या अकाल मृत्यु के भय से बचाता है। साथ ही इस रुद्राक्ष से जीवन में विजयश्री की प्राप्ति होती है। 
  • योग और तंत्र आदि सीखने वालों के लिये भी 11 मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी है। ये व्यक्ति के अंदर धैर्य और ध्यान की क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। इसे धारण करने से हठ योग, मंत्र योग, यम नियम, आसन और धार्मिक कार्यों व अनुष्ठान आदि में सहायता मिलती है। 
  • इसके अलावा यह 11 मुखी रुद्राक्ष भय आदि से मुक्ति दिलाने में और विपरित परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद करता है। साथ ही इसको धारण करने वाला व्यक्ति सुख-साधन से सम्पन्न जीवन बीताता है। अगर आपके जीवन में बहुत दिनों से कोई ऐसी परेशानी चल रही है, जिसका आपको कोई हल नहीं मिल रहा है, तो उसके लिये भी 11 मुखी रुद्राक्ष बेहद फायदेमंद है। 
  • जिन लोगों के अंदर आत्मविश्वास की कमी रहती है, जिन्हें अज्ञात चीज़ों से डर लगा रहता है या कूटनीतिक मामलों में आप कोई फैसला ठीक से नहीं ले पाते हैं या आपके व्यापार में अस्थिरता बनी रहती है और आप जीवन में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, तो आपको 11 मुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए। इससे आपको जल्द ही लाभ देखने को मिलेगा। 
  • अगर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की बात करें, तो हृदय सम्बन्धी समस्या, शुगर और हाई ब्लैड प्रेशर के अलावा पेट संबंधी परेशानियों या अम्ल-पित्त की समस्या से बचाव के लिये, साथ ही लिवर संबंधी परेशानियों से बचने के लिये भी 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना एक बेहतर ऑप्शन है। 
  • जिन लोगों को अपने सुख-साधनों को खो जाने का डर रहता है या जिन्हें हर पल किसी अनहोनी की आशंका रहती है या जो लोग अकेलेपन से डरते हैं, उन लोगों को 9 मुखी, 10 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष को एक साथ धागे में पिरोकर गले में धारण करना चाहिए। इससे आपको किसी भी चीज़ का डर नहीं सतायेगा।

11 मुखी रुद्राक्ष को धारण कैसे करें 

11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिये लाल धागे का उपयोग करना चाहिए ।जानकारी के लिये ये भी बता दूं कि 11 मुखी रुद्राक्ष के दाने को सुमेरू के रूप में पांच मुखी रुद्राक्ष की माला में लगाकर भी धारण किया जा सकता है, बस किसी भी रूप में इसे धारण करने से पहले इसकी विधिवत पूजा जरूर करें। इसके लिये रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान कराएं और उसे धूप-दीप दिखाएं। साथ ही उस पर थोड़ा-सा चंदन लगाएं और सफेद फूल चढ़ाएं। उसके बाद शिव जी की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग से रुद्राक्ष को स्पर्श कराकर उस पर पंचाक्षरी मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र है – ऊँ नमः शिवाय । 

इसके अलावा विभिन्न शास्त्रों के हिसाब से 11 मुखी रुद्राक्ष पर मंत्रों के जप की बात की जाये, तो -

  • शिव पुराण के अनुसार- ॐ ह्रीं हुं नमः।
  • मंत्र महार्णव के अनुसार- ऊँ श्रीं नमः।
  • पद्मपुराण के अनुसार- ऊँ श्रीं
  • इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र –ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

इस प्रकार मंत्रों का जप करके आप रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हैं और उसके बाद उसे धारण कर सकते हैं। 

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

यह भी पढ़ें:

सूर्य के साथ 17 अगस्त को शनि बनाएंगे घातक योग, छोटी सी भूल इन 3 राशियों को कर सकती है कंगाल

ज्योतिष दृष्टि से बेहद खास हैं तिरंगे के तीनों रंग, जो बयां करते हैं देश की आन-बान-शान

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement