घर की बालकनी एक रूप में घर का आईना होती है क्योंकि लोग इसे देखकर ही आपके घर के बारे में नजरिया बनाते हैं। इसीलिए वास्तु शास्त्र में घर की बालकनी को घर के प्रमुख स्थानों में से एक माना जाता है। कई लोग अपने घर की बालकनी को स्वच्छ और खूबसूरत फूलों से सजाकर रखते हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जो घर की बालकनी को स्टोर बना देते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहें कि घर की बालकनी को स्टोर बनाने की आपकी गलती कितनी बड़ी हो सकती है। साथ ही बालकनी से जुड़े कुछ जरूरी नियम भी हम आपको बताएंगे।
बालकनी को स्टोर बनाना सही या गलत?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की बालकनी को स्टोर बनाना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। बालकनी घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और अगर आप इसे स्टोर की तरह इस्तेमाल करते हैं तो दिक्कतों का सामना आपको जीवन में करना पड़ सकता है। इसकी वजह से नकारात्मक ऊर्जा आपके घर की ओर आकर्षित होती है और घर के हर सदस्य पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है। इसकी वजह से घर के लोगों की सेहत और मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
खासकर अगर घर की बालकनी उत्तर दिशा, पूर्व दिशा या फिर उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण में है तो बालकनी को स्टोर बानने से आपके घर की बरकत रुक सकती है। इन दिशाओं को भारी सामान रखने के लिए सही नहीं माना जाता है।
घर की बालकनी को स्टोर बनाने पर घर के लोगों का आत्मविश्वास डगमगाता रहता है, असुरक्षा की भावना उनके मन में घर कर जाती है। इसलिए गलती से भी कभी घर की बालकनी को स्टोर बनाने की गलती आपको नहीं करनी चाहिए।
घर की बालकनी का सही वास्तु
- वास्तु के अनुसार घर की बालकनी में आपको तुलसी का पौधा या फिर मनी प्लांट लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इन पौधों को बालकनी में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।
- बालकनी में आप सजावट की चीजें और बैठने का हल्का फर्नीचर भी रख सकते हैं।
- बालकनी में अगर पानी के बर्तन में आप धातु का एक कछुआ रख दें तो आपके जीवन की कई आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती हैं।
- आपको गलती से भी कभी बालकनी में कांटेदार पौधे नहीं रखने चाहिए।
- बालकनी की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिए और यहां जूते चप्पल रखने से भी आपको बचना चाहिए।
- इन नियमों का पालन करके आपको सकारात्मक ऊर्जा जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
यह भी पढ़ें: