नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को वेदांता को 5 अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटने की योजना को मंजूरी दे दी थी।
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि एसेट बिक्री या अन्य पुनर्गठन विकल्पों की बजाय डीमर्जर का रास्ता इसलिए चुना, ताकि जिंक, एल्युमिनियम, ऑयल एंड गैस, पावर, आयरन ओर और स्टील जैसे सभी कारोबार अपनी पूरी ग्रोथ क्षमता के साथ आगे बढ़ सकें।
कर्जदाताओं की एक समिति ने अडाणी ग्रुप, वेदांता लिमिटेड और डालमिया सीमेंट (भारत) सहित दावेदारों द्वारा प्रस्तुत समाधान योजनाओं (अधिग्रहण प्रस्तावों) पर मतदान किया।
वेदांता का यह पुनर्गठन प्रस्ताव मुख्य रूप से प्रबंधकीय ध्यान केंद्रित करने और शेयरधारकों के लिए मूल्य वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया गया है। कंपनी का मानना है कि इस योजना के माध्यम से परिचालन प्रक्रियाओं में सुधार होगा।
भारत की प्रमुख खनन और प्राकृतिक संसाधन कंपनी Vedanta Ltd ने अपने डिमर्जर की अंतिम समयसीमा अगले साल मार्च तक बढ़ा दी है। यह फैसला कंपनी ने अपने नियामक फाइलिंग में सार्वजनिक किया।
11 सितंबर को एंटीट्रस्ट नियामक को दी गई एक फाइलिंग में, वेदांता ने कहा है कि प्रस्तावित लेनदेन से "भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई उल्लेखनीय प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।"
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की इलाहाबाद पीठ ने 3 जून, 2024 को जेपी एसोसिएट्स को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में भेज दिया था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वेदांता समूह के साथ अहम चर्चा की। यह बातचीत असम एवं त्रिपुरा में वेदांता समूह द्वारा घोषित किए गए निवेश प्रस्ताव को लेकर हुई।
मेटल शेयरों में गिरावट की वजह ट्रंप प्रशासन द्वारा उम्मीद से अधिक पारस्परिक शुल्क लगाना है। इसने मंदी की आशंकाओं को हवा दी है और चिंता जताई है कि अमेरिकी शुल्कों में भारी बढ़ोतरी दुनिया की आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाएगी।
लाभांश निर्धारित तारीख के भीतर डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा। पिछले 12 महीनों में, वेदांता ने प्रति शेयर ₹46 का लाभांश घोषित किया है, जिसके परिणामस्वरूप 8.96% का डिविडेंड हासिल हुआ है। वेदांता को लगातार और हाई डिविडेंड देने के लिए जाना जाता है।
वेदांता ने शेयर बाजार एक्सचेंजों को दी जानकारी में बताया कि कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दिए जाने वाले इस चौथे अंतरिम डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दिया है। कंपनी ने बताया कि इस चौथे अंतरिम डिविडेंड के लिए मंगलवार, 24 दिसंबर को रिकॉर्ड डेट के तौर पर फिक्स किया गया है।
कंपनी 2025 में 12 लाख टन की उत्पादन क्षमता का लक्ष्य लेकर चल रही है। 2026 में 13.5 लाख और 2027 में 18 लाख टन की उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है।
वेदांता ने उदयपुर क्षेत्र के आसपास गैर-लाभकारी आधार पर लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए पांच करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक औद्योगिक पार्क स्थापित करने की भी घोषणा की।
सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के सिलसिले में सरकार के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तो अब सरकार विभाजन की चर्चा पर वापस आएगी। हां, हमने फिर से चर्चा की है। अब तीन हिस्सों के बजाय दो हिस्से होंगे। ’
कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को कहा कि वेदांता लिमिटेड ने कर्जदाताओं से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सामने अपने बंटवारे के प्लान के लिए आवेदन दायर किया है।
वेदांता लि. को अपने कारोबारों को अलग करने के प्रस्ताव के लिए 75 प्रतिशत सुरक्षित कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है। कारोबार को अलग करने से कंपनी की कॉरपोरेट संरचना को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
इससे पहले कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मई में 11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का पहले अंतरिम डिविडेंड के लिए कुल 4,089 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसके बाद 26 जुलाई को 4 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (कुल 1564 करोड़ रुपये) के दूसरे अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी दी गई थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वेदांता का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़ा जबकि तिमाही आधार पर ये दोगुने से ज्यादा 5,095 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने लांजीगढ़ में अबतक का सबसे ज्यादा एल्युमिना उत्पादन दर्ज किया और जिंक इंडिया यूनिट में धातु उत्पाद का खनन किया।
संस्थागत निवेशकों के लिए 4.62 करोड़ शेयर निर्धारित किए गए थे जबकि कुल संस्थागत खरीद 6.36 करोड़ शेयरों की हुई। वेदांता ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि 16-19 अगस्त तक चली ओएफएस प्रक्रिया के बाद हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की शेयरहोल्डिंग अब घटकर 63.42 प्रतिशत रह गई है।
हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को पहले ही दिन 1.23 गुना यानी 137.39 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिल गया। कंपनी को सब्सक्रिप्शन के लिए 486 रुपये प्रति शेयर के लोअर प्राइस रेंज के मुकाबले 494.54 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बोलियां मिलीं हैं।
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