
भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में शानदार शतक जड़कर एक बार फिर साबित कर दिया कि वह बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं। लेकिन इस कामयाबी के पीछे उनकी मेहनत और तकनीकी बदलाव की कहानी भी है, जिसका खुलासा उनके बचपन के कोच देवेंद्र शर्मा ने किया है। कोच ने बताया कि पंत ने कैसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से फेल होने के बाद अपनी बल्लेबाजी पर जमकर काम किया और इंग्लैंड पहुंचते ही पहले टेस्ट में कमाल कर दिया।
देवेंद्र शर्मा ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब शॉट खेलकर आउट होने के बाद पंत ने अपनी डिफेंस टेक्निक पर जमकर काम किया। उन्होंने कह कि ऑस्ट्रेलिया में फेल होने के बाद हमने उनके डिफेंस और स्ट्रोक सिलेक्शन पर काफी मेहनत की। इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद ज्यादा मूव करती है, इसलिए हमने तय किया कि पंत कम आक्रामक स्ट्रोक खेलेंगे और अपने विकेट को बचाकर लंबी पारी खेलने पर फोकस करेंगे।
पंत ने धोनी को पछाड़ा
लीड्स टेस्ट की पहली पारी में पंत ने 134 रनों की लाजवाब पारी खेली। यह उनका टेस्ट करियर का सातवां शतक रहा और इसी के साथ वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए। इस मामले में उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी पीछे छोड़ दिया। कोच शर्मा ने याद दिलाया कि पंत ने इंग्लैंड के पिछले दौरे पर भी एक शानदार शतक जड़ा था। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी उसने इंग्लैंड में सेंचुरी मारी थी। उसका बैटिंग ऑर्डर नीचे होता है, जिससे उसे खेलने से पहले पिच और परिस्थितियों को समझने का समय मिल जाता है। यही वजह है कि वह वहां सफल रहता है।
पंत तीनों फॉर्मेट के खिलाड़ी
ऋषभ पंत फिलहाल वह सीमित ओवरों की भारतीय टीम में शामिल नहीं हैं, लेकिन उनके कोच का मानना है कि पंत तीनों फॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी हैं। शर्मा ने कहा कि ऋषभ ऐसा खिलाड़ी है जो टेस्ट, वनडे और T20 तीनों फॉर्मेट में खेलने की काबिलियत रखता है। भले ही वह फिलहाल T20 टीम का हिस्सा नहीं है, लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि IPL में असफलता के बाद वह जबरदस्त वापसी करेगा। अगर आप क्लास खिलाड़ी हैं, तो आप कहीं भी अच्छा कर सकते हैं।
(PTI Inputs)