पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर के लिए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि उन्होंने अपने नए राजनीतिक एजेंडे में अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा नहीं किया है, क्योंकि वह झूठे वादे करने में विश्वास नहीं रखते हैं।
Jammu Kashmir News: गुलाम अली के नामांकन को कई मामलों में अहम माना जा रहा है। क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था।
Abrogation of Article 370 Third Anniversary : कभी पत्थरबाजी के चलते अंधकारमय भविष्य के तरफ धकेले जा रहे युवकों की तस्वीरों की जगह चमक-दमक वाले स्टेडियम में खेल कूद करते युवक-युवतियां नज़र आए।
Article 370: 5 अगस्त को कश्मीर से धारा 370 को हटाए हुए 3 साल हो चुके हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर धारा 370 को हटाए जाने की याद दिला दी है। इसे याद करते हुए उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगल दिया। इमरान खान ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर चुप रहा।
जिन विवादित मुद्दों को पिछली सरकारों ने छूने तक की हिम्मत नहीं दिखाई, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में जड़ से खत्म कर दिया। मोदी सरकार जिस बड़ा फैसले को लेकर सबको चौंका दिया इनमें सबसे अहम फैसला था जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना।
अमित शाह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों और प्रोफेसर्स को संबोधित करते हुए देश की रक्षा नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बनने से पहले देश की कोई रक्षा नीति नहीं थी। विदेश नीति को ही रक्षा नीति मानते थे। इस देश पर सालों से हमारे पड़ोसी देशों द्वारा प्रछन्न रूप से हमले होते थे, आतंकवादी भेजे जाते थे।
मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
केंद्रशासित प्रदेश के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां संपत्तियां खरीदी हैं। ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, ऊधमपुर और गांदेरबल जिलों में हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को प्रभावहीन बनाया है और वह वहां राष्ट्रवाद की लहर लाई है। मुझे लगता है कि इसका परिणाम आने में थोड़ा समय जरूर लगेगा क्योंकि यह (कश्मीर समस्या) 70 साल का नासूर है। इसे ठीक करने में समय लगेगा ही।"
राहुल गांधी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एक ऐसा कदम था जो देश में पहले कभी नहीं उठाया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके जरिये ‘‘उत्तर प्रदेश और गुजरात के नौकरशाहों’’ को केंद्र शासित प्रदेश पर शासन करने के लिए छोड़ दिया गया।
नित्यानंद राय ने कहा कि इन घटनाओं में 98 नागरिक भी मारे गए और उस समय से करीब 5.3 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं की है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद स्थिति और खराब हो गई है और वे (केंद्र) न केवल हमारी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, बल्कि हमारे सम्मान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वे हमारा अस्तित्व खत्म नहीं कर देते।’’
जम्मू एवं कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 लागू था तब दूसरे राज्यों के लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते थे। सिर्फ राज्य के लोग ही वहां पर जमीन और अचल संपत्ति खरीद सकते थे। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य के बाहर के लोग भी वहां जमीन खरीद सकते हैं।
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा लिया था और जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दोनों को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था।
अगस्त 2019 में, सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। रैली को संबोधित करते हुए, अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए उनके द्वारा की जा रही वकालत का भी बचाव किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम छात्रों का कहना था कि वे भारत का हिस्सा बने रहना चाहते हैं और अब वे बिना किसी बाधा के भारतीय बने रह सकते हैं।
बता दें कि बीजेपी ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है।
इससे पहले उन्होने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव करते हुए कहा कि जब तक पार्टियां गठबंधन में थीं तो उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की राजनीतिक कार्य संस्कृति को भी बदल कर रख दिया है और आज उनके नेतृत्व में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति की जगह विकासवाद की राजनीतिक संस्कृति प्रतिष्ठित हुई है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज शाम पहली बार श्रीनगर पहुंचे। वे 2 दिनों तक घाटी में रहकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
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