चीन की ओर से अनुच्छेद 370 को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। चीन ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के इस अनुच्छेद पर दिए गए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जानिए चीन ने क्या कहा?
शिमला में सुनील आंबेकर ने कहा कि धारा 370 के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कल कुछ लोग रोये हैं उन लोगों के साथ अब पूरी दुनिया को पता चल गया कि कानूनी तौर पर आर्टिकल 370 टेंपरेरी था।
पीएम मोदी ने अपने इस लेख में लिखा कि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं तथा वे अपनी ताकत और कौशल के आधार पर भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं। वे अपने बच्चों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता चाहते हैं, एक ऐसा जीवन जो हिंसा और अनिश्चितता से मुक्त हो।
अनुच्छेद 370 पर आज राज्यसभा में तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह ने विपक्षी दलों पर खूब निशाना साधा। इस बीच विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री के बयान में गरिमा की कमी दिखी।
जम्मू-क्श्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से जम्मू के डोगरा और लद्दाख के बौद्ध समुदाय को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
अनुच्छेद 370 पर राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह विपक्षी दलों पर भड़क गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं इन्हें नहीं समझा सकता क्योंकि मेरा मर्यादा है। इस दौरान शाह ने कहा कि 370 अस्थाई है ये तो जवाहरलाल नेहरू ने भी कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज धारा 370 के मामले पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को संविधान के दायरे में रहकर हटाया जो सही है। इसपर अब पाकिस्तान में खलबली मच गई है और पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने बयान दिया है।
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला मे कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था क्योंकि हमें न्याय की उम्मीद थी।
आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया था। साथ ही कोर्ट ने सरकार से राज्य में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने को भी कहा है, ऐसे ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या था आर्टिकल 370?
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है। यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।
जम्मू-कश्मीर पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए धारा 370 हटाने के आदेश को जायज माना और साफ-साफ कह दिया कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जो फैसला लिथा था, वो सही था।
सीजेआई ने कहा, "हम भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देते हैं कि 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाना चाहिए।" इसके साथ ही कोर्ट ने घाटी के राज्य का दर्जा वापस देने को भी कहा है।
जम्मू-कश्मीर से साल 2019 में धारा-370 हटा दी गई थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई थीं, जिनपर कई दिनों तक सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर आज फैसला आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और धारा 370 हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करने वाली है और फैसला देने वाली है। इस बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस बीच भाजपा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले यह भी कहा कि सरकार को हमें नजरबंद करने के लिए बहाना चाहिए और उनके पास बहाना है।
सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 11 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा।
बड़े फैसलों का गवाह बनने वाले संसद के इस ''छोटे विशेष सत्र'' में पीएम मोदी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था।
धारा 370 निरस्त करनेवाली याचिकाओं पर 16 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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