29 अगस्त को हुई 12वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को कितने समय में दोबारा राज्य का दर्जा मिल पाएगा। इसे लेकर आज केंद्र की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्र सरकार 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देगी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक स्पष्ट समय-सीमा बताने का निर्देश दिया था।
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह संतुष्ट हैं कि अदालत ने केंद्र की यह दलील नहीं मानी कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है।
आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय परिपूर्ण था।
ब्रिटिश-अरब इन्फ्लूएंसर अमजद ताहा ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ट्वीट किया है और अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर आशा की किरण की बात कही है। जानिए क्या लिखा है ट्वीट में।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों को लेकर सुनवाई होगी। इन मामलों में कोर्ट की तरफ होने वाली टिप्पणियों पर देशभर की नजर बनी रहेगी।
आपको बता दें कि श्रीलंका में 13वां संशोधन जो बहुसंख्यक सिंहली और अल्पसंख्यक तमिलों के बीच की जातीय समस्या को हल करने के लिए प्रस्तावित किया गया था, न केवल युद्ध-ग्रस्त उत्तर में बल्कि सिंहल बहुसंख्यक दक्षिण में भी लागू किया जाएगा।
Omar Abdullah on Article 370 in J&K: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला दिन में ही खुली आंखों से कभी पूरे नहीं होने वाले सपने देख रहे हैं। सोमवार को उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ( JKAP) ने श्रीनगर में अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली की है। इस रैली में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। बता दें कि इस पार्टी को साल 2020 में पीडीपी के पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने बनाया था, जिसमें पीडीपी के बागी नेता भी शामिल हुए थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई सियासी मजबूरी इस हद तक की नहीं होनी चाहिए कि अपने ही राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे।
Jammu And Kashmir: राज्य में भूमि के स्वामित्व, बिक्री और खरीद को नियंत्रित करने वाले चार प्रमुख राज्य कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे। कानून को संशोधित करने के बाद स्थानीय लोगों के बीच खुशी देखी गई। इस कानून से प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
Amit Shah: वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 सितंबर को राज्य के दौरे पर पहुंचने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से उनके दौरे में बदलाव कर दिया गया। शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान वे कई अहम घोषणाएं भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट को दशहरे की छुट्टी के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिए फिर से 5 जजों की बेंच बनानी होगी।
Mehbooba Mufti on J&K School: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाया जाना रास नहीं आ रहा है। तभी वह किसी ना किसी बहाने अक्सर भाजपा और मोदी सरकार पर हमले बोलती रहती हैं। इस बार महबूबा का दर्द भी अजीबोगरीब है।
कांग्रेस ने रविवार को अपने पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद पर पार्टी छोड़ने के बाद अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के कदम पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया और कहा कि इस मुद्दे पर उनके (आजाद) ‘‘झूठ’’ का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद घाटी में बदलाव की बयार बह रही है। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और शोपियां में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक-एक मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने कुछ अच्छा काम किया होगा, क्योंकि यह प्रधानमंत्री किसी के लिए आंसू नहीं बहाते हैं।
Ghulam Nabi Azad: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कभी अनुच्छेद 370 की बहाली की संभावना से इनकार नहीं किया, लेकिन कहा कि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ऐसा तुरंत कर सकते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को यकीन दिलाया कि वह जम्मू-कश्मीर की खुशहाली और विकास के लिए काम करेंगे।
Jammu Kashmir: कांग्रेस के पूर्व नेता और जम्मू कश्मीर में अपनी पार्टी बना कर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले गुलाम नबी आजाद ने कल एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर में फिर से धारा 370 बहाल करना संभव नहीं है। अब इस पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया आई है।
संपादक की पसंद