जानकारों का कहना है कि भारत से बड़ी संख्या में रोजगार के लिए लोग कनाडा का रुख करते हैं। इनमें पंजाबियों की संख्या काफी अधिक है। 2018 से, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे अधिक भारत से पढ़ने जाने वाले बच्चे हैं। कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन का कहना है कि 2022 में, उनकी संख्या 47% बढ़कर लगभग 320,000 हो गई।
अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह निज्जर की हत्या मामले में तो बयान दे रहे हैं, लेकिन करीमा बलूच के मर्डर पर संज्ञान तक नहीं लिया है।
भारत के खिलाफ वर्षों से कनाडा में रहकर आतंकी साजिश रचते आ रहे खालिस्तानियों के समर्थक पीएम जस्टिन ट्रुडो के अंदर कितना जहर भरा है, इसका खुलासा वॉशिंगटन पोस्ट के एक खुलासे ने कर दिया है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाने वाले ट्रुडो ब्रिटेन और अमेरिका से निंदा कराना चाहते थे।
India Canada Tension: सिख अलगाववादी नेता की हत्या पर कनाडाई पीएम के बयान के बाद से देशभर से लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है। अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने कहा है कि वोटों के लिए खालिस्तानियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत के खिलाफ साजिश रचने के कई मामलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है।
कनाडा द्वारा भारत सरकार पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने और भारतीय राजनयिक को निकालने के कदम पर बवाल हो रहा है। भारत ने भी कनाडा पर कार्रवाई करते हुए उसके राजनयिक को निकाल दिया है।
कनाडा ने एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट के राज्य असम मणिपुर और पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों की यात्रा नहीं करने को कहा है।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास देखी गई। इस बीच कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो का मंगलवार को कहा कि भारत सरकार को इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरूरत है।
Bharat Action On Canada: कनाडा को भारत का मुंह तोड़ जवाब
भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए जांच की बात कही। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भारत की नाराजगी मोल लेकर भी ट्रूडो निज्जर के मुद्दे पर इतने मुखर क्यों हैं?
भारत ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को कड़ाई से खारिज करते हुए आतंकी तत्वों पर कार्रवाई की मांग की है।
हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में भारत ने आतंकी घोषित किया था और 2022 में NIA ने उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की बीते 18 जून को कनाडा में हत्या हो गई थी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हताशा भरा बयान देते हुए कहा है कि वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत के कनेक्शन की जांच करवा रहे हैं।
कनाडा की टॉप यूनिवर्सिटीज विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम पेश करती हैं जो दुनिया भर से बड़ी संख्या में छात्रों को आकर्षित करते हैं। ये विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय अपने उच्च शैक्षणिक मानकों, नवीन अनुसंधान और अपने छात्रों के लिए उत्कृष्ट समर्थन के लिए प्रसिद्ध हैं।
कनाडा में खालिस्तानियों के अलावा कोई भी भारतीय सुरक्षित नहीं रह गया है। कनाडाई सरकार खालिस्तानियों को गुप्त समर्थन देती आ रही है। कनाडा सरकार की यह मंशा उस वक्त भी जी-20 के दौरान नई दिल्ली में जाहिर हो गई, जब पीएम जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता करार दिया।
नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भी आए थे। लेकिन उन्हें विमान में तकनीकी खराबी के कारण भारत में ही दो दिन रुकना पड़ा। आखिरकार मंगलवार को वे कनाडा के लिए रवाना हो गए।
जी-20 बैठक से इतर ट्रूडो के साथ द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
भारत में G20 समिट का सफल समापन, PM मोदी ने ब्राज़ील को सौंपी G0 की अध्यक्षता, राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा को दी शुभकामनाएं
भारत ने G20 Summit की मेजबानी सफलता पूर्वक पूरी कर ली है। जिसमें जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर पीएम मोदी का घोषणा पत्र आम सहमति से मंजूर हुआ। घोषणा पत्र में मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास की बात की गई।
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