Thursday, May 09, 2024
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जस्टिन ट्रुडो निज्जर मामले में अमेरिका और ब्रिटेन से कराना चाहते थे भारत की निंदा, दोनों देशों के इनकार से हुए शर्मिंदा

भारत के खिलाफ वर्षों से कनाडा में रहकर आतंकी साजिश रचते आ रहे खालिस्तानियों के समर्थक पीएम जस्टिन ट्रुडो के अंदर कितना जहर भरा है, इसका खुलासा वॉशिंगटन पोस्ट के एक खुलासे ने कर दिया है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाने वाले ट्रुडो ब्रिटेन और अमेरिका से निंदा कराना चाहते थे।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: September 20, 2023 15:30 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो।- India TV Hindi
Image Source : FILE अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो।

खालिस्तानी आतंकी निर्जर की हत्या मामले में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को ब्रिटेन और अमेरिका ने तगड़ा झटका दिया है। भारत पर खालिस्तानी आतंकी की हत्या में हाथ होने का आरोप लगाने वाले जस्टिन ट्रुडो इस मामले में अमेरिका और ब्रिटेन का भी समर्थन जुटाना चाह रहे थे। मगर दोनों ही देशों ने उनकी इस साजिश में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया। भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। ऐसे में अमेरिका अपने मित्र देश के साथ कतई रिश्ते को खराब नहीं करना चाहता। क्योंकि चीन को घेरने के लिए अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साथी की जरूरत है। हालांकि कनाडा के साथ भी अमेरिका के मधुर संबंध है। मगर वह उसके चक्कर में भारत से अपनी दोस्ती को बिगाड़ना नहीं चाहता। यही हाल ब्रिटेन का भी है। ऋषि सुनक ने भी जस्टिन ट्रुडो की इस अपील को सिरे से खारिज कर दिया। सुनक ने तो खालिस्तानियों पर कार्रवाई के लिए अलग से कोष का गठन कर दिया है।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने निज्जर की हत्या मामले में भारत पर झूठा आरोप मढ़कर ब्रिटेन और अमेरिका के कंधे से बंदूक चलाने की फिराक में थे। मगर उन्हें शायद नए भारत की नई ताकत का अंदाजा पूरी तरह नहीं था। कनाडा ने जब भारत के राजदूत को अपने देश से निष्कासित किया तो भारत ने भी उसके राजदूत को तलब कर निष्कासित करने का तुरंत आदेश दे दिया था। इस फैसले से जस्टिन ट्रुडो हिल गए। उन्हें शायद यह उम्मीद भी नहीं थी कि भारत इतना सख्त जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसके बाद वह अमेरिका और ब्रिटेन के सामने गिड़गिड़ाकर समर्थन जुटाने का प्रयास करने लगे। मगर वहां भी उनकी उम्मीदों को झटका ही लगा।

अमेरिका अखबार ने किया ये बड़ा दावा

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि सिर्फ ब्रिटेन और अमेरिका ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों से भी इस मामले में भारत की निंदा कराने के लिए जस्टिन ट्रुडो ने प्रसास किया। मगर उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। इससे जाहिर होता है कि भारत को बदनाम करने कि लिए जस्टिन ट्रुडो बड़ी साजिश रच रहे थे। वह जब जी-20 में नई दिल्ली आए थे तो उनके सामने भारत ने खालिस्तानी गतिविधियों का मुद्दा मजबूती से उठाया था। मगर जस्टिन ट्रुडो खालिस्तानियों के पक्ष में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते दिखे। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब जस्टिन ट्रुडो ने भारत को घेरने का प्रयास किया हो। इससे पहले भी किसान आंदोलन के वक्त उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ ट्वीट कर अपनी निम्न  सोच का नमूना पेश किया था। वह वर्षों वोट के लिए खालिस्तानियों का समर्थन कर भारत के खिलाफ की जाने वाली साजिश का हिस्सा बनते आ रहे हैं।

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