अगर चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करने में सफल हो जाता है तो भारत, अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के अलावा ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा।
Chandrayaan 3 News: चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में इंटर कर चुका है और इस ऐतिहासिक मौके पर चांद की कक्षा से जो पहला मैसेज आया है वो भारत की उम्मीदों को बढ़ाने वाला है.
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा।
भारत ने अंतरिक्ष में सफलता की नई इबारत लिख दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 को शनिवार को चांद की कक्षा में स्थापित करा दिया है। अब आगामी 23, 24 अगस्त को यह चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंडर के साथ उतरेगा। इसके बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के लिए आज का दिन अहम है। चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
चंद्रयान-3 के मिशन मून पर निकलने के साथ ही इसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे। ऐसे ही एक वायरल वीडियो का इंडिया टीवी की टीम ने फैक्ट चेक किया है और दावे के पीछे की सच्चाई का पता लगाया।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले मिशन मून की शुरुआत की थी। अगस्त 2003 में पूर्व पीएम ने मून मिशन का ऐलान किया और अब 20 वर्षों में तीसरा चंद्रयान चांद के सफर पर है। अगर लैंडर सफल रहा तो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो जाएगा।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लोकेशन अब 41603 km x 226 ऑर्बिट में है।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
Chandrayaan-3 Launch Updates: चांद पर तिरंगा फहराने का ये पूरा मिशन क्या है.कौन-कौन सा देश इस कामयाबी को हासिल कर चुके हैं इसकी एक-एक डीटेल आपको बताते है इस रिपोर्ट में देखिए ..
Chandrayaan 3 Launch : श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग...23 अगस्त को चन्द्रमा के साउथ पोल पर उतरकर बनाएगा इतिहास
इसरो ने आज LVM3-M4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे मून मिशन-'चंद्रयान-3' का सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जैसे ही लॉन्चर मॉड्यूल और चंद्रयान-3 अलग हुए, पूरा कंट्रोल रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
Chandrayaan-3 Launch Updates: अंतरिक्ष में भारत ने आज नई उड़ान भरी है...भारत ने नया इतिहास रच दिया है...इसरो ने LVM3-M4 रॉकेट के जरिए 2.35 बजे चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है...चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो चुका है...अब चंद्रयान चांद की तरफ आगे बढ़ रहा है...चंद्रयान-3 ने अपनी
Chandrayaan-3 Launch Updates: अंतरिक्ष में भारत ने आज नई उड़ान भरी है...भारत ने नया इतिहास रच दिया है...इसरो ने LVM3-M4 रॉकेट के जरिए 2.35 बजे चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है...चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो चुका है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर देश के वैज्ञानिकों को बथाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है
Chandrayaan 3 Sand Art: भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 के लॉन्च होने से पहले रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने 'Chandrayaan-3' की कलाकृति बनाकर ISRO को विजयी भव: का संदेश दिया।
यह स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए अगले 45 दिनों में चंद्रमा के ऑरबिट में प्रवेश कर जाएगा। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट किया है।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले ही लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के ऑरबिट तक इसरों का फैट ब्वॉय कहा जाने वाले जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट लेकर जाएगा।
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