प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो के दफ्तर में मौजूद थे और सबकुछ देख रहे थे। तभी अचानक 2.50 बजे खामोशी छा गई। दरअसल बुरी खबर सामने आई थी।
भारत ने आज अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगा दी है। आज ISRO ने चंद्रमा के अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया है।
भारत आज अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगाने वाला है...आज इसरो चंद्रमा के अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को लॉंच करने वाला है.
इसरो का चंद्रयान-3 उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा।
लॉन्च व्हीकल मार्क 3 III या जीएसएलवी III द्वारा इसे 14 जुलाई दोपहर 2.45 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान 3 में एक रोवर, एक लैंडर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल रहेगा।
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 के दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले 2019 में 22 जुलाई को मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था। इसरो के पूर्व चीफ K Sivan ने मून मिशन(चंद्रयान-2) के लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
इसरो अपने बेहद महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च करने जा रहा है। चंद्रयान-3 की सफलता इसरो के लिए बेहद अहम साबित होगी। इससे पहले चंद्रयान-2 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर पाया था।
दो दिन बाद यानी 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग होगी। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि आखिर हमारी पृथ्वी से मून तक की दूरी कितनी है।
इसरो अपने चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। 14 जुलाई को श्रीहरीकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे लॉन्च किया जाएगा।
चांद की सतह पर कदम रखने वालों के बारे में आपको तो पता ही होगा। चांद पर पहली बार नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने कदम रखा था। जिसके बाद कई लोगों ने चांद पर अपना कदम रखा। उनमें से दो लोगों का चांद पर कदम रखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
लॉन्च के लिए तैयार चंद्रयान-3...PSLV-MK3 रॉकेट के साथ जोड़ा गया... इसरो ने जारी किया श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों का वीडियो...13 जुलाई को हो सकता है चंद्रयान-3 का लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए तारीख और समय का एलान कर दिया है।
इसरो 12 से 19 जुलाई के बीच अपने चंद्रयान मिशन को प्रक्षेपित कर सकता है। इस बात की जानकारी इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने दी है।
2013 में भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन के सफल लॉन्च के अलावा, भारत ने चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 के नाम से जाने जाने वाले अपने मिशन को चंद्रमा पर भेजने का दो बार प्रयास किया है। चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन, चंद्रयान-3 अगले साल लॉन्च किया जाएगा।
ISRO: इसरो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स’ में हाल में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान-2 ने पहली बार क्लास (चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेट्रोमीटर) का इस्तेमाल कर चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में सोडियम की मौजूदगी का पता लगाया है।
चंद्रयान-2 मिशन के लगभग 2 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस साल अगस्त महीने में चंद्रयान -3 मिशन को लांच करेगा। इस बात बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष विभाग ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान-2 के दो वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में सोमवार को चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया।
इसरो के चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर की मदद से चांद की नई जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं। अब पता चला है कि चांद की सतह पर हाइड्रॉक्सिल और वाटर मॉलिक्यूल्स (पानी के अणु) मौजूद हैं।
चंद्रयान-3 के 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान सामान्य कामकाज को मानकर लॉन्च किए जाने की संभावना है।
भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के आज बुधवार (22 जुलाई) को अपने प्रक्षेपण के एक साल पूरा करने के अवसर पर इसरो ने कहा है कि इसके सभी आठ उपकरण बखूबी काम कर रहे हैं।
संपादक की पसंद