पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में पिछले तीन दिनों से एक बैठक चल रही थी। इसमें देशभर से सैकड़ों मुफ़्ती और मौलाना हिस्सा ले रहे थे। इस बैठक में दो प्रस्ताव पास किए गए हैं। यह बैठक शरीयत के हिसाब से जायज और नाजायज कामों की समीक्षा करने लिए हुई थी।
दारुल उलूम फिरंगी महली द्वारा जारी एक फतवे में कहा गया है कि कोरोनोवायरस से मरने वालों को पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ सम्मान से सुपुर्द-ए-खाक करना चाहिए और उनके शरीर को अछूत नहीं माना जाना चाहिए।
देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूलउलूम ने महिलाओं को लेकर नया फतवा जारी करते हुए बारात में उनके जाने को नाजायज करार दिया है।
दरगाह आला हजरत के मरकजी दारुल इफ्ता से जारी फतवे में कहा गया है कि शादी समारोह और जलसों के मौकों पर औरतों और मर्दों का एक साथ भोजन करना नाजायज है।
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