वित्त वर्ष 2018-19 के कुल उत्पादन में 45.62 लाख टन यूरिया और 14.19 लाख टन डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का उत्पादन किया गया।
आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की वृद्धि दर अगस्त माह में घटकर 4.2 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान माह में 4.4 प्रतिशत थी।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के अंतर्गत खुदरा दुकानों पर लगे प्वाइंटट ऑफ सेल (PoS) के जरिए 1.55 करोड़ टन उर्वरक की बिक्री की गई।
चालू वित्त वर्ष में देश का यूरिया उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के 242 लाख टन की तुलना में करीब 240 लाख टन रहने की उम्मीद है
देश की शीर्ष संस्था ICAR को इस बात का अध्ययन करने के लिए कहा गया है कि क्या गौमूत्र का इस्तेमाल जैविक खेती को प्रोत्साहित करने में किया जा सकता है।
"जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ अतिरिक्त नियमों को मंजूरी दी गई और एक बड़ा निर्णय उर्वरक पर जीएसटी के 12 प्रतिशत दर के खिलाफ कई सारे आग्रहों के जवाब में लिया गया।"
GST की ऊंची दर, सब्सिडी में कटौती और वैश्विक स्तर पर कीमतों में वृद्धि के चलते पोटेशियम क्लोराइड म्यूरिएट ऑफ पोटाश-एमओपी की खुदरा कीमत बढ़ने की संभावना है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत का चालू खाता घाटा (कैड) 10 अरब डॉलर बढ़कर 30 अरब डॉलर पहुचने की उम्मीद है।
बुनियादी ढांचा की वृद्धि जनवरी में 3.4% रही जो पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट से वृद्धि दर घटी है।
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