पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के विचार भी कई मामलों में एक जैसे हैं। महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर भी दोनों देश के नेता एक जैसे विचार रखते हैं। भारत और अमेरिका दोनों ही वैश्विक स्तर पर महिलाओं की भागीदारी को मजबूती देना चाहते हैं।
इंदौर में जी-20 देशों के फाइनल सम्मेलन की बुधवार को शुरुआत हो गई है। सभी देशों का फोकस इस दौरान वैश्विक श्रम, रोजगार और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा पर है। मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भारत की अध्यक्षता में जी-20 सदस्यों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
नई दिल्ली में सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन संकट के समाधान को लेकर भारत को जी-20 का अध्यक्ष होने के नाते संयुक्त घोषणापत्र जारी करना है। इसमें जी-20 के अन्य सभी देशों की सहमति लेना होगा। अपने मित्र देश रूस का भी भारत को खयाल रखना होगा। पीएम मोदी की जादुई कूटनीति इस संकट का समाधान करेगी।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा ने संबंधों को नया आयाम देना शुरू कर दिया है। भारत-अमेरिका के बीच अब जी-20 भी इस दोस्ती को नए तरीके से गढ़ने व संबंधों को और मजबूती देने का जरिया बन रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को चलते 16 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसका कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा। इस युद्ध का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महंगाई, खाद्य और ऊर्जा संकट के तौर पर पड़ा है। ऐसे वक्त में अमेरिका ने भारत पर भरोसा जताते कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध को रोकने में अहम योगदान दे सकता है।
भारत 11-13 जून तक जी20 समूह के देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी वाराणसी में कर रहा है। इसमें वैश्विक आपूर्ति शृंखला, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
G20 Summit के दौरान अब मनुष्यों, पशुओं और पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए दुनिया अपनाएगी ‘वन-हेल्थ’ दृष्टि कोण अपनाने का निर्णय लिया गया है। दुनिया को डर है कि मौजूदा वक्त में लोग किसी नए और गंभीर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। इसलिए अभी से नई स्वास्थ्य नीति बनाकर चौकन्ना रहना होगा।
पाकिस्तान के दोस्त चीन और तुर्की कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला कर सकते हैं। इन देशों ने जम्मू कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक में हिस्सा न लेने का निर्णय अपने दोस्त पाकिस्तान की कश्मीर में जी-20 बैठक कराने को लेकर आपत्ति के बाद लिया है।
G-20 में पूरी दुनिया भारत की ताकत देख रही है। जी-20 की अध्यक्षता 1 वर्ष तक भारत के पास ही रहेगी। इस दौरान भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे लेह-लद्दाख क्षेत्र में वाई-20 का सफल आयोजन कराकर चीन के मुंह पर तमाचा मारा है। भारत ने वाई-20 सम्मेलन में 30 देशों के प्रतिनिधियों के साथ सफल आयोजन किया।
G-20 में दुनिया भारत के डिजिटल स्वास्थ्य की मुरीद हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत का डिजिटल स्वास्थ्य दूसरे देशों के लिए मॉडल बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत जब जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है तो डिजिटल स्वास्थ्य पर उसका ध्यान देना दूसरे देशों के लिए मॉडल हो सकता है
भारत ने सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आमंत्रित किए जाने के सवाल पर कहा कि जिन्हें आमंत्रित करना था, उनकी सूची पहले ही जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि अभी तक आमंत्रित देशों की सूची में यूक्रेन का नाम नहीं है।
सरकार ने इन बैठकों के लिए तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है और पिंजौर के यादविंद्रा गार्डन को इस मौके पर दुल्हन की तरह सजाया गया है।
जी-20 में रूस और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा चर्चा का अहम बिंदु बनता जा रहा है। इसके अलावा भी दुनिया भर में सिर्फ यूक्रेन युद्ध की ही हर तरफ चर्चा है। भारत दौरे पर आई इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने रूस के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही अमेरिका और रूस में तनाव का आलम चरम पर है। यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देश एक दूसरे को लंबे समय से धमकी और चेतावनी देते रहे हैं। इस बीच भारत में हो रहे जी 20 सम्मेलन में पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों का आमना-सामना हुआ।
जी 20 की अध्यक्षता कर रहे भारत से दुनिया को काफी सारी उम्मीदें हैं। विश्व की निगाहें जी 20 से यूक्रेन युद्ध से लेकर दुनिया में फैले खाद्य और ऊर्जा संकट के समाधान पर भी टिक गई हैं।
जी-20 सम्मेलन में भारत-चीन के बीच बनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालत का मुद्दा गर्माया रहा। भारत ने चीन के विदेश मंत्री किन कांग से सीमा के हालात और उसकी वजहों को लेकर न सिर्फ बात की, बल्कि कड़ी आपत्तियां भी दर्ज करवाई।
जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में भारतीय सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद चीन के विदेश मंत्री अपनी पहली यात्रा पर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्री किन गांग इस सप्ताह भारत की पहुंचेंगे। इसके बाद वह 2 मार्च को जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा भी लेंगे।
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की ओर देख रहा है, उसमें भारत के पास ‘‘15 प्रतिशत समाधान’’ है। वह यहां सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित कर रहे थे।
भारत में जी-20 की बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। देश में वर्ष भर में करीब 200 बैठकों होनी हैं। आगामी 24 फरवरी को होने वाली जी-20 की सबसे महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने वित्त मंत्री सीतारमण बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई हैं।
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