करीब 4 महीने से जारी प्रदर्शन में बढ़ते लोकतंत्र समर्थक हिंसक प्रदर्शनों में यह पहला मौका है जब प्रदर्शनकारियों को गोलियों का सामना करना पड़ा।
चीन जब सबसे बड़ा परेड कर रहा था तब हांगकांग में सबसे हिंसक प्रदर्शनों में से एक नजर आया। हजारों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने चीन के झंडे जलाये, स्वायत्तता, सार्वभौमिक मताधिकार, सभी लोगों को इस क्षेत्र की विधायिका के चुनाव में लड़ने की आजादी की मांग की।
सरकार ने रविवार को वक्तव्य जारी कर कहा था कि हिंसा से समुदाय को नुकसान ही पहुंचेगा और वह समस्याओं का समाधान खोजने की गंभीर कोशिश कर रही है।
रविवार को एक रैली के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर मार्च कर अधिकारियों को चुनौती दी। रैली के दौरान उस समय हिंसा शुरू हुई जब गुस्साए प्रदर्शनकारियों के एक छोटे समूह ने शहर के मुख्य सरकारी परिसर पर हमले का प्रयास किया।
हांगकांग के नेतृत्व द्वारा प्रदर्शनकारियों की एक प्रमुख मांग मान लिए जाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन लगातार 14वें सप्ताह जारी है।
हांगकांग में प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक नागरिक अधिकार समूह को शनिवार को जन रैली करने की अनुमति नहीं दी।
हांगकांग में प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जोशुआ वांग की पार्टी डेमोसिस्टो ने कहा है कि उनके नेता को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
फ्रांस में जी-7 देशों के नेताओं की बैठक में हांगकांग की स्वायत्तता का समर्थन किया गया जो ब्रिटेन और चीन के बीच 1984 में हुए एक समझौते में तय हुआ था।
ऑलराउंडर इरफान अहमद हांकांग के लिए 6 वनडे और 8 टी-20 मैचों में प्रतिनिधित्व किया है।
हांगकांग में प्रदर्शनकारियों की ओर से रविवार रात अधिकारियों पर लाठियों और लोहे की छड़ों से हमले किए जाने के बाद प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
हांगकांग में शनिवार को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कई दिनों से हांगकांग में तनावपूर्ण लेकिन शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई थी।
चीन ने बुधवार को पुष्टि की है कि हांगकांग में ब्रिटेन के महावाणिज्य दूतावास के लापता कर्मचारी को चीन के अधिकारियों ने हिरासत में लिया है।
कश्मीर और लद्दाख पर बुरी नजर रखने वाले चीन का चेहरा पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो रहा है। जिस हॉन्ग कॉन्ग को चीन अपना हिस्सा मानता है और उस पर कब्जा बनाए रखने के लिए बर्बरता की सारी हदें पार करता रहा है, उसी हॉन्ग कॉन्ग ने अब जहरीले ड्रैगन की दुम पर पांव रख दिया है।
बीजिंग की गंभीर चेतावनियों को दरकिनार करते हुए एक लाख से अधिक की संख्या में लोगों ने यहां रविवार को लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी काले पहनावे में थे।
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता फिर से बड़े मार्च का आयोजन करने की तैयारी में हैं। इस बार की रैलियां आंदोलन की एक बड़ी परीक्षा होगी क्योंकि सप्ताह के आरंभ में हवाई अड्डे पर विरोध प्रदर्शन की काफी आलोचना हुई थी।
हांगकांग में चल रही अशांति की स्थिति को लेकर चीन ने चेताया है कि वह ‘‘हाथ पर हाथ धर कर’’ नहीं बैठेगा। चीन ने यह चेतावनी तब दी है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों की हिंसक प्रतिक्रिया के खतरे को लेकर चिंता जताई।
ब्रिटेन में चीन के राजदूत लियू शिआओमिंग ने कहा कि यदि हांगकांग में संकट ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ हो जाता है, तो चीन ‘‘हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठेगा’’और वह ‘‘अशांति को तेजी से दबाने’’ के लिए तैयार है।
भारत ने हांगकांग जाने वाले अपने नागरिकों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है। हांगकांग में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा, ‘‘हांगकांग अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 12 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन की वजह से सेवांए बुरी तरह से प्रभावित हैं।’’
लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के धरने की वजह से हांगकांग हवाईअड्डे पर दूसरे दिन भी अफरातफरी रही और मंगलवार को सैकड़ों उड़ानें या तो रद्द कर दी गईं, या निलंबित कर दी गईं।
चीन ने अमेरिका से हांगकांग मामले में हस्तक्षेप तुरंत बन्द करने का आग्रह किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ह्वा छुन यिंग ने 12 अगस्त को संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए यह बात कही।
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