ब्रिटेन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाकर पीएम ऋषि सुनक ने कमाल कर दिया है। जब उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला तो महंगाई 10 के स्तर को पार कर चुकी थी। साथ ही जीडीपी का दम घुटने लगा था। मगर ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुनक ने ब्रिटेन को फिर से बेहतर स्थिति में लाकर अपनी काबिलियत दिखा दी।
साल 2023 कोरोना महामारी के बाद से आम आदमी के लिए एक सबसे बढ़िया साल रहा है। सब्जियों की महंगाई को छोड़ दें, तो यह साल आम आदमी के लिए अच्छा रहा। इस साल बेरोजगारी दर में कमी आई है। काम-धंधे अच्छे चले, तो जीडीपी ग्रोथ भी अनुमान से अधिक रही।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर महीने में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी।
पाकिस्तान में महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। गैस के दाम सालाना आधार पर 1,100 प्रतिशत बढ़ गए हैं। वहीं, खाने पीने की चीजों के दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
इंश्योरटेक कंपनी प्लम की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि करीब 59 प्रतिशत लोग अपनी सालाना टेस्ट छोड़ देते हैं। भारत के विशाल वर्कफोर्स का सिर्फ 15 प्रतिशत ही अपने नियोक्ताओं से स्वास्थ्य बीमा सहायता हासिल करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि बैंक सतर्क रुख अपनाते रहें। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है।
WPI Inflation: अक्टूबर में थोक महंगाई दर कम होकर -0.52 प्रतिशत पर रही है। सितंबर में ये -0.26 प्रतिशत पर थी।
CPI Inflation October 2023: महंगाई से आम लोगों को राहत के संकेत मिले हैं। अक्टूबर में महंगाई दर चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
आरबीआई गवर्नर (Shaktikanta Das) ने कहा कि हम कीमतों को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सकल मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है।
पिछले दिनों घरेलू एलपीजी (LPG gas cylinder prices) की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती कर दी गई। इससे एलपीजी की मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर (-) 12.7 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 4.2 प्रतिशत थी।
त्योहारों के दौरान आम लोगों के किचन का बजट नहीं बढ़े, इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इससे खाने-पीने के सामान की कीमत नहीं बढ़ने की उम्मीद है। अगर ऐसा होगा तो यह आम लोगों के लिए बड़ी राहत होगी।
बाजार की गति बरकरार रखने के लिए सभी की नजरें आने वाले कुछ महीनों में त्योहारी मांग पर टिकी हैं। चुनाव के बाद स्थिर सरकार और आर्थिक नीतियों की निरंतरता बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि यह विमान ईंधन कीमत में लगातार चौथी बढ़ोतरी है। किसी एयरलाइन की परिचालन लागत में 40 प्रतिशत हिस्सा एटीएफ का बैठता है। एक जुलाई को एटीएफ के दाम 1.65 प्रतिशत या 1,476.79 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़े थे। चार बार में विमान ईंधन कीमतों में रिकॉर्ड 29,391.08 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी हुई है।
पाकिस्तान पूरी तरह कंगाल हो चुका है। अब इस देश में गृहयुद्ध की नौबत है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोग अपने क्षेत्र को भारत में मिलाने की मांग कर रहे हैं। महंगाई ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है। यहां पेट्रोल 331 रुपये और डीजल 329 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
बीते साल के मुकाबले इनकम और सेविंग में सुधार इस साल जरूर हुआ है। लोग सरवाइव करने के खर्च से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें खर्च में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
योजना के तहत दाल की कीमत 60 रुपये और प्याज की कीमत 25 रुपये प्रति किलोग्राम है।
सरकार जिंस,गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी को रोकने के लिए कदम उठा सकती है। इससे खाद्य मुद्रास्फीति (Inflation) को थोड़ा कम रखने में मदद मिलेगी।
सिर्फ 5 दिन बचे हैं, जब दुनिया के सबसे बड़े मुल्कों के सबसे बड़े नेता देश की राजधानी दिल्ली में होंगे. G20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बहुत बड़े बड़े लोग आ रहे हैं और दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है.
पाकिस्तान में मंहगे बिजली बिल और आसमान छूते खाद्य वस्तुओं के दाम ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। व्यापारी भी महंगे बिजली बिलों से तंग आ गए हैं। इसलिए पाकिस्तानी व्यापारियों ने शनिवार को देशव्यापी हड़ताल की। इस दौरान सभी प्रतिष्ठान और दुकानों को बंद रखा गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया।
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