सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी की देखभाल करने वाले विभाग दीपम ने एलआईसी के मूल्यांकन का कार्य मिलिमैन एडवाइजर्स को सौंपा है।
एलआईसी ने बताया कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के दिशानिर्देशों के अनुरूप उसने एनपीए के लिए 34,934.97 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान भी किए हुए हैं।
DIPAM सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि आईपीओ के लिए एलआईसी ने पूरी तैयारी कर ली है
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का सितंबर महीना जीवन बीमा उद्योग के लिए सबसे अच्छा साबित हुआ।
सरकार की कोशिश है कि एलआईसी को इसी साल लिस्ट किया जाये। सूत्रों के मुताबित डीआरएचपी नवंबर में दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद चौथी तिमाही में इश्यू आ सकता है।
सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आगामी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के लिए सिरिल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार के रूप में चुना है।
भारत पेट्रोलियम और एलआईसी की सूचीबद्धता भी होनी है। मुझे भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक एलआईसी सूचीबद्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास हे कि इतिहास की दृष्टि से यह निजीकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण साल होगा।’’
ऐसा माना जा रहा है एलआईसी के आईपीओ का आकार भारतीय बाजार में आए अभी तक के सभी आईपीओ से कई गुना अधिक होगा।
सरकार ने 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम पर लागू नहीं होते हैं।
बीमा निगम सावधिक आश्वासन और ऊंचे जोखिम की योजनाओं को छोड़कर अन्य पॉलिसी के मामले में विलंब शुल्क में रियायत की पेशकश कर रही है। यह कुल भुगतान किये गये प्रीमियम पर निर्भर करेगा।
चालू वित्त वर्ष में अबतक सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में मामूली हिस्सेदारी बिक्री और एक्सिस बैंक में एसयूययूटीआई हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये 8,368 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।
माना जा रहा है कि LIC का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. अनुमान लगाया गया है कि यह 90,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है।
भारतीय जीवन बीमा निगम में अब अध्यक्ष पद के बजाये मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक का पद होगा।
आईपीओ के बाद Paytm का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये से 2.2 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अपनी सरल पेंशन स्कीम को लॉन्च करने के साथ ही इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि देश में एक प्रभावी रिटायरमेंट प्रोडक्ट की बहुत आवश्यकता है।
सरकार के 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए एलआईसी की सूचीबद्धता बहुत महत्वणपूर्ण मानी जा रही है।
6.66 प्रतिशत के साथ आवास वित्त कंपनी ने अधिकतम 30 साल के होम लोन पर सबसे कम दर की पेशकश की है।
एलआईसी अपनी पॉलिसी के बदले बहुत आसानी से और बेहद कम दरों में लोन भी देती है।
सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चैयरमैन एम आर कुमार को अगले साल मार्च तक नौ महीने का सेवा विस्तार दिया है।
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