Papamochani Ekadashi 2019: हिन्दू शास्त्रों में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी साल में 24 होती हैं। होली और चैत्र नवरात्रि के बीच जो एकादशी आती है उसे पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि।
आज माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। जानें पूजा विधि और व्रत कथा के बारें में।
Shattila Ekadashi 2019: षट्तिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे जीवन में वैभव प्राप्त होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य, धन-धान्य में वृद्धि होती है । अतः आज षट्तिला एकादशी के दिन इन सब चीजों का लाभ पाने के लिए आपको कौन-से विशेष उपाय करने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।
Shattila ekadashi 2019: आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे जीवन में वैभव प्राप्त होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य, धन-धान्य में वृद्धि होती है और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। जानें षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
सफला एकादशी के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है। उसे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इस व्रत को पूरा करने की विधि और पूजा के बारे में जानें...
मार्गशीर्ष महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को भारतीय धर्म शास्त्रों में मोक्षदायिनी एकादशी के रुप में माना जाता है। इस बार मोक्षादायिनी एकादशी 18 और 19 दिसंबर को मनाई जा रही है। जानें मोक्षदा एकादशी का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा।
लैकी पैटर्न के अलावा कुछ ऐसी चीज़ें भी होती हैं, जिन्हें पूजा में अवॉयड करना चाहिए और ये हर भगवान के लिये अलग- अलग होती हैं। फेवरेबल चीज़ों से भी ज्यादा अनफेवरेबल चीज़ों का ख्याल रखना चाहिए। अतः भगवान विष्णु की पूजा में कौन-कौन सी चीजें अवॉयड करनी चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
महाराष्ट्र के एक भाजपा प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान विष्णु का ‘ग्यारहवां अवतार’ बताया है जिसका विपक्ष ने मजाक उड़ाया और कांग्रेस ने देवताओं का ‘अपमान’ करार दिया।
अखिलेश ने कहा कि अगर सत्ता में आए तो भगवान विष्णु का एक नगर निश्चित तौर पर विकसित किया जाएगा। अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की टीम कंबोडिया भेजी जाएगी।
आषाढ़ी एकादशी 2018: शास्त्रों में एकादशी के दिन व्रत रखने की परंपरा है। अतः जो लोग व्रत रखना चाहते हैं, वे आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें और विधि-पूर्वक भगवान की पूजा करें। जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हैं, उन्हें भी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए।
योगिना एकादशी को शयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी पड़ता है। जिसके बाद भगवान विष्णु शयन के लिए चले जाते है। इस बार सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। जानिए पूजा विधि, व्रत कथा के बारें में।
गुजरात: भक्तों ने अहमदाबाद में भगवान विष्णु को 1.25 लाख आमों का चढ़ावा चढ़ाया
विष्णु पुराण में सुख-समृद्धि और पवित्रता बनाएं रखने के लिए कई ऐसे नियम बताएं है। जिनका अनुसरण करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस पुराण में बताया गया कि रास्ते में चलते समय किन चीजों को छुना आपके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है। जानिए ऐसी ही 5 चीजों के बारें में।
पद्मिनी एकादशी में बहुत ही खास संयोग है। ऐसा संयोग 3 साल बाद पड़ा है। यह पूरी तरह से भगवान विष्णु में समर्पित है। जो भी इस दिन व्रत रखते है उन्हें अपार लाभ प्राप्त होता है। धन और स्वास्थ्य का आर्शीवाद मिलता है और शत्रुओं का नाश होता है। भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था। इसके साथ संतान की भी प्राप्ति होती है।
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हिंदू पंचाग के अनुसार 13 मार्च की एकादशी बहुत ही शुभ एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजाकर हर पाप से मुक्ति पा सकते है। जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और कथा के बारें में..
पौष मास की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत संतान के लिए बहुत ही महत्व रखता है। इस बार ये एकादशी 29 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। इसके साथ ही इस साल की ये आखिरी एकादशी है। जानिए पूजा विधि, कथा...
पुत्रदा एकादशी के दिन संतान प्राप्ति के लिये और अगर पहले से संतान है, तो उसकी तरक्की के लिये, उसके भविष्य की बेहतरी के लिये क्या उपाय करने चाहिए। जानइए इन उपायों के बारें में।
इस साल 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक का समय मलमास का रहेगा। इस माह में जप, तप, तीर्थ यात्रा, कथा श्रवण का बड़ा महत्व होता है। जानिए इस माह में क्या काम नहीं करना चाहिए....
इस साल 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक का समय मलमास का रहेगा। इस माह में जप, तप, तीर्थ यात्रा, कथा श्रवण का बड़ा महत्व होता है। अधिक मास में हर दिन भागवत कथा सुनने से अभय फल की प्राप्ति होती है।
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