भारत अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च करने जा रही है।
भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 से इतिहास रचने की कोशिश कर रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में यान का प्रक्षेपण करने की कोशिश करेगा।
चांद पर उतरने के इजराइल के प्रयास की विफलता के बाद इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन को जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है।
चांद पर उतरने से महज कुछ ही क्षण पहले इज़राइल के अंतरिक्ष यान का पृथ्वी से संपर्क कट गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन अगले चार-पांच महीने में अपने वर्जिन गैलेक्टिक अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने घोषणा की कि यान चांग‘ई 4 ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह को छुआ और तस्वीरें भेजीं।
रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष एजेंसी के हेड दिमित्री रोगोजिन ने शनिवार को कहा कि हमने ये सत्यापित करने के लिए एक उपकरण तैयार किया है कि अमेरिकी चांद पर गए भी थे या नहीं।
फिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री (पीआरएल) ने भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 के लिए तीन पेलोड विकसित किए है और चंद्रयान-1 के बरखिलाफ इस बार इसमें एक ऑरबाइटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा।
माइक पेंस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन NASA को निर्देशित करेगा कि वह चांद पर लोगों को उतारने और लाल ग्रह या उससे आगे अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले चंद्रमा की स्तह पर उपस्थिति स्थापित करें...
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