स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने यूरोबांड्स जारी कर 1 अरब डॉलर की राशि जुटाई है, जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार अपने पांच साल के उच्चतम स्तर 18.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी और इसकी वजह से लॉकडाउन के परिणामस्वरूप रेमीटैंस में इस साल 20 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश से बाहर धन भेजने की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) की जानकारी देने के नियमों को और कड़ा कर दिया है।
वर्ष 2017 में देश से बाहर रह रहे भारतीय समुदाय ने 65 अरब डॉलर की राशि स्वदेश भेजी है। इसकी जानकारी विश्व बैंक ने दी है।
विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा अपने घर यानी भारत भेजे जाने वाले धन (रेमिटेंस) में बीते साल 8.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।
भारत में इस साल रेमिटेंस (विदेशों से भेजा जाने वाला धन) 65.5 अरब डॉलर रह सकता है। यह पिछले साल आए कुल रेमिटेंस से 5 फीसदी कम होगा।
केरल की शुद्ध जीडीपी में रेमीटैंस (विदेशी धन) की हिस्सेदारी 36 फीसदी है और अब इसमें लगातार गिरावट आ रही है। इसकी वजह से मंदी के मुहाने पर पहुंच सकता है।
वर्ल्ड बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक विदेशों से मनीऑर्डर के जरिये धन प्राप्त करने के मामले में भारत 2015 में भी सबसे ऊपर रहा।
संपादक की पसंद