रूस की निजी सेना वैगनर आर्मी के चीफ प्रिगोझिन फिलहाल कहां हैं, इसका पता चल गया है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने उनके नए ठिकाने का खुलासा किया है। इस खुलासे से हलचल मच गई है।
ईरान के एससीओ का सदस्य बनने से रूस की स्थिति ग्लोबल पोजिशनिंग के हिसाब से मजबूत होगी। वहीं अमेरिका और ईरान में 36 का आंकड़ा होने से वह टेंशन में है। ईरान यूक्रेन युद्ध में भी रूस की मदद कर रहा है। एससीओ का सदस्य बनने के बाद रूस-ईरान की करीबी और बढ़ेगी। भारत को ईरान के चाबहार पोर्ट से आर्थिक, सामरिक फायदे होंगे।
भारत की मेजबानी में मंगलवार को हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान चीन को जोर का झटका लगा है। दरअसल भारत ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) को मानने से साफ इनकार कर दिया है। जबकि एससीओ के अन्य सदस्य देशों ने बीआरआइ का समर्थन किया है।
रूसी सेना ने अपने बयान में कहा कि मिग-31 विमान कामचटका प्रायद्वीप के दक्षिणपूर्वी तट पर अवचा खाड़ी में गिर गया।
रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। इस बात की जानकारी रूसी वायुसेना ने दी है। साथ ही यह भी बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच सैन्य संगठन नाटो अब नए सिरे से रूस को घेरने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर जो फेरबदल कि गए हैं, उसे नाटो और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मिलकर इसे अगली बैठक में पेश करेंगे।
रूस-यूक्रेन के बीच बखमुत और दोनेत्स्क क्षेत्र में फिर से भीषण जंग शुरू हो गई है। करीब 12 दिनों से शांत पड़े रूस ने वैगनर के विद्रोह के बाद संभलकर फिर से कीव पर बड़ा हवाई हमला किया है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने दर्जन भर से ज्यादा ड्रोन बम बरसाए हैं। इसमें कई लोग घायल हो गए हैं।
स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसा अपराध रूस में होता तो बर्दाश्त नहीं किया जाता।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। इस तारीफ के कई मायने हैं। देश में पुतिन की कमजोर होती स्थिति और दुनिया में कमजोर पड़ते रूस को अब अपना दोस्त भारत याद आने लगा है। पढ़िए क्या हैं भारत और रूस के वर्तमान समीकरण?
भारत-रूस के बहुत ही पारंपरिक संबंध हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत हमेशा इसे शांति से बातचीत के जरिये समाधान खोजने के पक्ष में रहा है। इस बीच पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से वैश्विक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में रूस ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की है। रूस ने अपने ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया है।
रूस और चीन की दोस्ती से दुनिया परेशान है। हाल ही में ताइवान की समुद्री सीमा में जब रूसी जंगी जहाज दिखे, तो ताइवान सकते में आ गया। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी और अब रूस के जंगी जहाज के दिखाई देने से ताइवान सहित दक्षिण चीन सागर के देशों की नींद उड़ गई है।
अमेरिका ने निजी सैन्य समूह ‘वैगनर‘ से जुड़ी चार कंपनियों और एक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए हैं। ‘वैगनर‘ ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में रूस के खिलाफ किए विद्रोह के बाद यह कदम उठाया गया है।
रूस को कमजोर पड़ता देखकर उसके कमजोर दुश्मन भी सिर उठाने लगे हैं। सीरिया के बागियों ने हाल ही में रूस पर ड्रोन अटैक किया था। पहले से ही जंग और प्रतिबंध से घिरा रूस नए दुश्मन नहीं बनाना चाहता है। जानिए आखिर सीरिया से रूस का पंगा क्या है?
राष्ट्रपति पुतिन से बगावत के बाद अब वैगनर ग्रुप और उसके चीफ येवगिनी प्रिगोझिन का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। भले ही क्रेमलिन ने वैगनर सेना और प्रिगोझिन पर अभियोग नहीं चलाने का फैसला किया है, लेकिन जाहिर है कि पुतिन के साथ बगावत के बाद अब प्रिगोझिन की रूस में राह आसान नहीं होगी। अब उन्हें देश से निकाला जा सकता है।
अगर वैगनर ग्रुप ने मास्को कूच का अपना फैसला वापस नहीं लिया होता और सशस्त्र सैन्य विद्रोह की जिद नहीं छोड़ी होती तो रूस की बर्बादी तय थी। यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को पुतिन की बर्बादी का जश्न मनाने का इंतजार था, लेकिन रूसी सैन्य अधिकारियों और उनके दोस्त बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकासेंको ने इस तबाही को रोका।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने अमेरिका के द्वारा परमाणु बम गिराए जाने के बाद सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद मंचूरिया तथा ताईवान चीन को वापस सौंप दिए गए थे, जिसे जापान ने प्रथम विश्व युद्ध में उससे लिया था।
सीरिया में पिछले कई वर्षों से गृह युद्ध चल रहा है। युद्ध की वजह से लाखों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
रूस में शनिवार के दिन हुई बगावत अब ठंडी पड़ चुकी है। लेकिन इस बीच ब्रिटिश जनरल ने चेतावनी दी है कि वैगनर ग्रुप बेलारूस की तरफ निकल पड़ी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि वैगनर ग्रुप बेलारूस के जरिए कीव पर हमला कर सकती है।
बीते कल ऐसा लग रहा था कि ये प्राइवेट आर्मी रूस में तख्ता पलट कर सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि येवगेनी प्रिगोझिन के अलावा भी कई ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने व्लादिमीर पुतिन के लिए कभी चुनौती खड़ी की थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ उनके ही सबसे खास वैगनर आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझीन ने बगावत का बिगुल बजा दिया था। लेकिन पुतिन के सामने ये बगावत 24 घंटे भी नहीं टिक सकी।
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