पिछले पांच सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कम से कम 347 लोगों की जानें गई हैं। इस मामले से जुड़ी एक जनहित याचिका फैसला सुनाते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर किसी सफाईकर्मी की सीवर साफ करते वक्त मौत होती है तो सरकारी अधिकारी उसके परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा दें।
सफाईकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद गत 3 वर्षों में सीवर की सफाई करने के दौरान कुल 271 लोगों की जान चली गई।
पश्चिमी दिल्ली के रेस्त्रां की रसोई की सीवेज ट्रीटमेंट यूनिट में शनिवार को सफाई करने उतरे दो कर्मियों की कथित तौर पर जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के चौकाघाट स्थित दिनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पंपिंग स्टेशन से जुड़े़ सीवर टैंक में उतरे दो मजदूरों की शनिवार को मौत हो गयी।
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