भारत के सबसे उन्नत मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS के जरिए वैज्ञानिक मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां कर सकेंगे और यह तमाम दूसरे कामों के लिए भी धरती की निगरानी कर सकेगा।
Gaganyaan Launch mission Live : गगनयान की लॉन्चिंग आज ही सुबह 10 बजे दोबारा हुई, तकनीकी खामी को तुरंत दूर कर लिया गया है। इसरो ने ये जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले लॉन्चिंग से ठीक पहले कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले ही लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के ऑरबिट तक इसरों का फैट ब्वॉय कहा जाने वाले जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट लेकर जाएगा।
ISRO: इसरो अपने कारनामे से दुनिया को हमेशा चौकाते रहता है। ऐसे कई मौक पर इसरो ने विश्व को राह दिखाई है। अब वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजर है।
ISRO: भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंन्द्र सरकार आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रही है। इसी कार्यक्रम के तहत रविवार को आजादी नाम की एक सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है।
ISRO News: इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने बताया कि, सभी चरणों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया। पहले, दूसरे और तीसरे चरण ने अपना-अपना काम किया, पर टर्मिनल चरण में कुछ डेटा लॉस हुआ और हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।
ISRO News: इसरो इस रॉकेट की मदद से बेहद कम समय व खर्च में 500 किलो तक के उपग्रह निचले परिक्रमा पथ (पृथ्वी से 500 किमी ऊपर तक) पर भेजे जा सकेंगे। इस मिशन में इसरो दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट- 02 और आजादीसैट भेज रहा है।
साल के पहले मिशन पर करीबी नजर रख रहे वैज्ञानिकों ने इस पर खुशी जतायी और तालियां बजाईं। सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए इसरो ने कहा कि करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद प्रक्षेपण यान ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने PSLV-C48 के जरिए RISAT-2BR1 और 9 कस्टमर उपग्रहों को लॉन्च किया। ये लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 3 बजकर 25 मिनट पर हुई।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज एक बार फिर इतिहास रच दिया है। आज सुबह 9.28 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से 14 सैटेलाइट एक साथ भेजे हैं।
इसरो के सफल रॉकेट लॉन्चिंग की तस्वीरें आप टीवी या इंटरनेट पर देखते रहे होंगे। लेकिन अब आप क्रिकेट स्टेडियम की तरह बैठ कर इसरो के रॉकेट की लॉन्चिंग को देख सकेंगे।
चंद्र अभियान चेन्नई से करीब 90 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से लांच किया जाने वाला 25वां अभियान होगा। इसकी लागत 800 करोड़ रुपये है।
जीसैट-29 उपग्रह का वजन 3,423 किग्रा है। इसमें ‘‘का एवं कु बैंड’’ के ट्रांसपोंडर लगे हुए हैं, जिनका मकसद पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर सहित उपयोगकर्ताओं की संचार जरूरतों को पूरा करना है।
आईआरएनएसएस-1आई इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगा। यह सैटलाइट मैप तैयार करने, समय का बिल्कुल सही पता लगाने, नैविगेशन की पूरी जानकारी, समुद्री नैविगेशन के अलावा सैन्य क्षेत्र में भी सहायता करेगी।
इस सैटेलाइट की सबसे खास बात ये है कि इसे भारतीय सेना के लिए डिजाइन किया गया है। इस सैटेलाइट की मदद से सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी...
कार्टोसैट 2 मिशन के इस सैटेलाइट को भारत के सबसे विश्वसनीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल यानी PSLV से अंतरिक्ष में भेजा गया। इस सैटेलाइट के साथ देश-विदेश के कुल 31 सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे गए।
भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा गुरुवार को भारत के आठवें नौवहन उपग्रह 'आईआरएनएसएस-1एच' का प्रक्षेपण असफल रहा। इसरो के चेयरमैन ए. एस. किरन कुमार ने बताया, "अभियान असफल रहा है।"
इसरो ने आज एक बार फिर इतिहास रच दिया। इसरो ने अपना आठवां रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पेड से IRNSS- 1H की लॉन्चिंग हुई। पीएसएलवी-सी 39 की मदद से इसे अंतरिक्ष में छोड़ा गया। 70 वैज्ञानिकों के द
इसरो के आगामी संचार उपग्रह जीसैट-19 और जीसैट-11 भारत के संचार क्षेत्र की दशा और दिशा बदल सकते हैं और इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी तथा ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे कि पहले कभी नहीं मिलीं।
संपादक की पसंद