सरकार ने चीन और यूरोपीय संघ से इस्पात की चादरों की डंपिंग की जांच शुरू की है। इस जांच का मकसद सस्ते आयात से घरेलू उद्योग की रक्षा करना है।
सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर झटका देने वाली है। मई में आठ बुनियादी कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही है। पिछले साल यह दर 4.4 फीसदी थी।
सड़क, रेलवे, बिजली तथा आवास जैसे बुनियादी ढांचे पर सरकार के व्यय से भारत अगले 10 साल में वैश्विक स्तर पर इस्पात खपत के मामले में शीर्ष देशों में शामिल होगा।
केंद्रीय इस्पात एवं खान राज्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा कि सरकार का स्टील उत्पादन बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने का लक्ष्य है।
कम से कम छह प्रमुख उद्योग ने ओडि़शा से अपनी परियोजनाओं को वापस ले लिया है जबकि दक्षिण कोरिया की इस्पात कंपनी पोस्को ने अपनी योजना को रोका हुआ है।
स्टील और कोयला जैसे सेक्टरों को कोयला ब्लॉक का आवंटन ऑक्शन के जरिये किया जाएगा। ऐसा इसलिए होगा ताकि आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
संपादक की पसंद